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मेडिकल कॉलेज में पोविडोन आयोडीन पर रोक, अनट्रेंड डॉक्टरों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई

MP News: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के मेडिकल कॉलेज का मामला, गर्भवती महिलाओं और मरीजों की स्किन जलने के मामले का खुलासा पत्रिका ने किया, तब जाकर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने लिया एक्शन. उधर नर्मदापुरम में पत्रिका की टीम को मिले अनट्रेंड डॉक्टर...

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MP News Shahdol and narmadapuram

MP News Shahdol and narmadapuram: पत्रिका के खुलासे के बाद हुआ एक्शन। शहडोल और नर्मदापुरम में हुई कार्रवाई।

MP News: मेडिकल कॉलेज में पोविडोन आयोडीन के उपयोग से गर्भवती महिलाओं और मरीजों की स्किन जलने के मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया है। शहडोल में सामने आए मामलों पर अधिकारियों ने कॉलेज प्रबंधन से जांच रिपोर्ट तलब की है। एक साल से लगातार पोविडोन आयोडीन सॉल्यूशन के उपयोग से रिएक्शन के केस आ रहे थे। पत्रिका ने मामला उजागर किया तो कॉलेज प्रबंधन जागा। अधिकारियों ने स्वीकारा, गर्भवती महिलाओं में सॉल्यूशन के उपयोग के बाद स्किन जलने जैसे मामले सामने आए हैं।

डीन डॉ. गिरीश रामटेके के अनुसार, सर्जरी व ऑपरेशन से पहले प्रयोग किए जा रहे सॉल्यूशन लगाने के बाद मरीजों में स्किन रिएक्शन के मामले सामने आए हैं। उधर, लापरवाही पर पर्दा डालने अब अधिकारी कम केस बता रहे हैं, जबकि हर दिन 1-2 केस सामने आ रहे हैं।

एडीआर को सूचना भेजी, दवा स्टोर में जमा कराने को कहा

कॉलेज प्रबंधन ने विभागों को निर्देश दिए हैं, जिनके पास सॉल्यूशन के बैच हैं, उन्हें तुरंत स्टोर में जमा कराएं। एडीआर (एडवर्स ड्रग रिएक्शन) दिल्ली को जानकारी भेजी है।

गठजोड़: कम केस बताए, रिएक्शन के बाद भी नया बैच मंगाया

मामले ने मेडिकल कॉलेज की लचर खरीद व्यवस्था और लापरवाही उजागर की है। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने कम केस बताए। कहना है कि एक साल में लगभग 10-12 केस आए हैं, जबकि हर सप्ताह 10 से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं। स्किन विभाग ने इन मरीजों का इलाज भी किया। इधर, पिछले एक साल से रिएक्शन के बावजूद सप्लाई जारी रही। हाल ही में नया स्टॉक भी मंगाया गया है।

पत्रिका की टीम ने किया इन्वेस्टिगेशन, यहां अनट्रेंड डॉक्टर कर रहे थे इलाज

डॉक्टरी लापरवाही से बच्चों की मौत के बाद पत्रिका ने मंगलवार को जिले के आदर्श ग्राम सांगाखेड़ा की स्वास्थ्य व्यवस्था देखी थी। वहां ज्यादातर अप्रशिक्षित चिकित्सक बच्चों, बुजुर्गों का इलाज करते पाए गए। खबर प्रकाशित होने के बाद बुधवार को जिला प्रशासन सक्रिय हुआ।

स्वास्थ्य अमले ने गली, मोहल्लों, गांवों में शुरू की अस्पतालों की जांच

एमपी के स्वास्थ्य अमले ने जिले के गली-मोहल्लों, गांवों में अस्पतालों की जांच शुरू की। सीएमएचओ डॉ. नरसिंह गहलोत ने बताया, रामपुर, इटारसी में तीन क्लीनिक सील किए गए। केस दर्ज किया जाएगा। सांगाखेड़ा में क्लीनिक बंद कर गायब होने वाले चिकित्सकों की सर्चिंग की जा रही है।