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MPPSC 2024: प्री से लेकर मेंस तक बदल गया सिलेबस, अब इन विषयों पर करना होगा फोकस

MPPSC 2024 Syllabus Change for Pre and Mains: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग एमपीपीएससी 2023 मेंस की परीक्षाएं खत्म हो गई। अगर आप MPPSC की तैयारी कर रहे हैं तो आपको बता दें कि सिलेबस बदल गया है...पढ़ें पूरी खबर..

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MPPSC 2024 Syllabus Change for Pre and Mains: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) 2023 मेंस की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। अब MPPSC 2024 का प्री एग्जाम (Pre Exam) 28 अप्रैल को आयोजित किया जाएगा। लेकिन इस परीक्षा (MPPSC) में पास होने के लिए अब आपको बदले हुए सिलेबस के तहत पढ़ाई करनी होगी। बताते चलें कि आयोग की ओर से जनवरी 2024 में ही MPPSC सिलेबस बदलने की जानकारी दे दी गई थी।

बता दें कि आयोग (MPPSC) की ओर से नए साल की शुरुआत में यानी जनवरी 2024 में ही एमपीपीएससी का नया सिलेबस जारी किया गया था। इस सिलेबस और किताबों को देखने के बाद आप समझ जाएंगे कि अब यदि एमपी में सरकारी अधिकारी बनना है तो आपको यहां निवास करने वाले जनजातीय समाज पर अपनी पकड़ ज्यादा मजबूत करनी होगी। यानी आपको जनजातीय समाज पर फोकस करते हुए तैयारी करनी है।

- दरअसल राज्य सेवा परीक्षा में प्री क्वालीफाइंग स्टेज होती है। इसमें सौ प्रश्नों और 200 अंकों के पेपर के लिए अब आयोग ने दस चैप्टर तय किए हैं।

- इन 10 चैप्टर में से एक पूरा चैप्टर केवल जनजातीय समाज पर है।

- वहीं अन्य चैप्टर में भी जनजातीय विषयों को जोड़ा गया है।

- चेप्टर वन में इतिहास, संस्कृति है, जिसमें जनजातिया समाज की बोलियां, मप्र के प्रमुख जनजातीय व्यक्तित्व सभी को जोड़ा गया है।

- इसी तरह दसवां चैप्टर पूरी तरह से आदिवासी समाज पर केंद्रित है।

- इसके साथ ही इसका विषय ही मप्र की जनजातियां विरासत, लोकसंस्कृति, लोक साहित्य है।

- इसमें उनके भौगोलिक विस्तार, संवैधानिक प्रावधान, विशेष जनजातियां, बोली, साहित्य स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका, लोक संस्कृति, साहित्य सब कुछ शामिल है।

- अब प्री का जिस तरह से कटऑफ जाता है, जैसे कि 2023 प्री में ही अनारक्षित वर्ग के लिए यह 162 अंक यानि 81 फीसदी था।

- इससे यह स्पष्ट है कि जनजातीय समुदाय को समझे बिना प्री पास करना तक मुश्किल होगा। - इधर मेंस के सिलेबस में भी जनजातीय समाज को अहम स्थान दिया गया है।

- पहले प्रश्नपत्र इतिहास और भूगोल में भी मप्र के जनजातीय नायकों के संघर्ष और इतिहास का पूरा एक अलग चैप्टर रखा गया है।

- इसी तरह संवैधानिक प्रावधान, उनकी भूमिका जैसे चैप्टर भी जुड़े हुए हैं।

- एमपीपीएसी द्वारा प्रदेश के 21 फीसदी जनसंख्या को विशेष ध्यान में रखते हुए सिलेबस को बनाया गया है।

भारत में जनजातीय समुदाय की सबसे ज्यादा आबादी 21% मध्य प्रदेश में ही निवास करती हैं। इसीलिए MPPSC (MPPSC) द्वारा प्रदेश के जनजातीय समुदाय की जनसंख्या को विशेष ध्यान में रखते हुए सिलेबस तैयार किया गया है। वहीं कई सरकारी योजनाएं ऐसी हैं, जो जनजातीय समुदाय के लिए बनाई गई है। इन्हें जनजातीय क्षेत्रों में लागू करने में आसानी होगी। भविष्य में मध्य प्रदेश के अधिकारी बनने वाले युवा मध्य प्रदेश के जनजातीय समुदाय क्षेत्रों में भेजे जाते हैं तो इन क्षेत्रों में काम करना उनके लिए आसान होगा।

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