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CHALLENGE: सिमी और IS के बीच सिंहस्थ-मोदी कितने SAFE ?

सिमी के आतंकवादी का भागना, जबलपुर-इटारसी के बीच, ISIS के आतंकी का पकड़ा जाना आदि संकेतों ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है, क्योंकि 18 फरवरी को PM नरेंद्र मोदी भोपाल आ रहे है...।

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Manish Geete

Feb 03, 2016

भोपाल। नरेंद्र मोदी हिन्दुस्तान के ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जिनकी जान को सबसे ज्यादा खतरा रहता है। आतंकवाद के विरोध में खड़े PM मोदी कई आतंकी संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। इसलिए modi जहां से गुजरते हैं, वहां जमीन से लेकर आसमान तक सुरक्षा व्यवस्था लगा दी जाती है। हम आपको बताने जा रहे हैं देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा कितनी सख्त है और क्यों? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए मोदी और सिंहस्थ को पुख्ता सुरक्षा उपलब्ध कराना अब सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।


मोदी की सिक्योरिटी पिछले प्रधानमंत्री की तुलना में डबल है। हर समय उनकी सुरक्षा के लिए कई चरणों का घेरा बनाया जाता है। हर पल एक हजार से अधिक कमांडों उनके आसपास चलते हैं। इसके अलावा स्थानीय पुलिस, सादी वर्दी में भी तैनात रहती है। वे जिस शहर में जाते हैं उससे कई दिनों पहले से उस शहर में गुप्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन शुरू हो जाता है।


बीएमडब्ल्यू-7 बुलेटप्रुफ कार को अति सुरक्षित बनाया है, जिसमें मोदी सफर करते हैं। आतंकवादियों को चकमा देने के लिए उनके काफिले में दो डमी कारें भी चलती हैं।

Narendra Modi Security

PM के काफिले में सबसे आगे पहले पुलिस सिक्योरिटी विभाग की गाड़ी सायरन बजाती हुई दौड़ती है। बाद में SPG की दो गाड़ियां आती हैं, इसके बाद लेफ्ट और राइट साइड से दो गाड़ियां आती हैं और बीच में रहती है PM मोदी की BMW कार।

Narendra Modi Security

spg के वाहन में जैमर भी लगा होता है, जिसमें दो एंटिना लगे होते हैं। ये सड़क के दोनों तरफ 100 मीटर की दूरी तक रखे विस्फोटकों को निष्क्रिय करने में सक्षम होते हैं।



प्रधानमंत्री मोदी के काफिले में एंबुलेंस भी चलता है और जहां जाते हैं वहां की स्थानीय पुलिस पुलिस की जिप्सियां आगे-पीछे चलती है।


PM जब पैदल कहीं जाते हैं तो उनके आगे-पीछे सादे कपड़ों में NSG कमांडो उन्हें घेरकर चलते हैं।

Narendra Modi Security

spg के कमांडो के खास खास तरह की राइफल रहती है, जिससे एक मिनट में 800 फायर किए जा सकते हैं।


एक अंग्रेजी न्यूज पेपर के मुताबिक के मुताबिक मोदी किस रास्ते से जाएंगे, इसका फैसला आखिरी वक्‍त पर होता है।
Narendra Modi Security

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प्रधानमंत्री की यात्रा के इंतजाम देखने वाले एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक PM आतंकवादियों के निशाने पर हैं। इसलिए जब भी उन्हें सड़क मार्ग से ले जाया जाता है, उससे पहले दो रास्‍ते तय किे जाते हैं। काफिले के साथ एक नकली काफिला भी चलता है। दोनों ही रास्‍तों पर ट्रैफिक रोका जाता है। आखरी पल पर फैसला लिया जाता है कि उन्हें किस रास्ते से ले जाया जाए और नकली काफिला किधर भेजा जाए।

आतंकवादियों के निशाने पर मोदी

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प्रधानमंत्री को लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्‍मद जैसे पाकिस्‍तानी आतंकवादी संगठनों से ज्यादा खतरा है। इंडियन मुजाहिदीन (IM) और सिमी भी फिराक में है। इसके अलावा सबसे खतरनाक संगठन isis के भी निशाने पर हैं। ऐसे में मध्यप्रदेश में उनका आगामी दौरा सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चुनौती बन गया है।

18 फरवरी को भोपाल आएंगे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 फरवरी को भोपाल आने वाले हैं। उनकी यात्रा से करीब 20 दिन पहले ही सिमी के एक आतंकवादी का भाग जाना, जबलपुर-इटारसी के बीच बम मिलना। एक फरवरी को ISIS का एक आतंकवादी पकड़ा जाना और दो फरवरी को इटारसी रेलवे स्टेशन पर बम की सूचना से फिलहाल सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चिंता का विषय बना हुआ है। इन बातों से सुरक्षा एजेंसियों के सामने मोदी की सुरक्षा किसी चुनौती से कम नहीं होगी।

हिन्दी सम्मेलन के दौरान भी थी चुनौती
PM मोदी जब पिछले साल सितंबर में आयोजित विश्व हिन्दी सम्मेलन में आए थे उस समय भी खंडवा जेल से सिमी के तीन आतंकवादी फरार हो गए थे। उनके भागने पर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अलर्ट भी जारी किया था। हालांकि pm की कड़ी सुरक्षा के आगे परिंदा भी पर नहीं मार पाया।

फरार आतंकियों से ज्यादा चिंता
अक्टूबर 2013 में खंडवा जेल से फरार आतंकी जाकिर, मेहबूब और अमजद MP पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। NIA सूत्रों के अनुसार बिजनौर और चेन्नई ब्लास्ट में इन्हीं आतंकियों का हाथ था। इसके अलावा बेंगलुरु घटना में भी शक की सूई इन्हीं पर है।

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