
Domestic Waste management system(फोटो: सोशल मीडिया)
MP News: नगरीय निकाय रोज निकलने वाले घरेलू कचरे के प्रबंधन में लापरवाही नहीं कर सकेंगे। मुख्यालय को भी निपटाने की गलत रिपोर्ट नहीं दे सकेंगे। निकायों की डंपिंग साइट्स पर कचरे की सैटेलाइट से निगरानी होगी। इससे पता चलेगा कहां, कचरे का नियमित प्रबंधन हो रहा है, कहां कचरे के पहाड़ बन रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की मदद से सैटेलाइट निगरानी होगी। पहले से मौजूद लीगेसी वेस्ट खत्म करने की समयबद्ध कार्ययोजना लागू होगी।
नगरीय विकास विभाग (Urban Development Department) के एसीएस संजय दुबे ने इसके निर्देश सभी निकायों को दिए हैं। इसमें कहा कोई कचरा प्रबंधन की झूठी रिपोर्ट न दें, क्योंकि सैटेलाइट से निगरानी होगी। हाल ही में खनिज विभाग के लिए खदानों की सैटेलाइट से निगरानी (domestic Waste Management System) की योजना भी बनाई है। अब नगरीय विकास विभाग में भी ऐसी व्यवस्था की कवायद शुरू की जा रही है।
बता दें, एनजीटी ने निर्देश के पालन में घरेलू कचरे के नियमानुसार निपटारे की व्यवस्था बनाई जा रही है। एनजीटी में 15 सितंबर को ही सुनवाई होने वाली थी। इसे अब 25 सितंबर किया है। इससे विभाग को लीगेसी वेस्ट के निपटारे का समय मिल गया है। इसलिए विभाग ने इस पर तेजी से काम कर रहा है, ताकि सुनवाई में वास्तविक स्टेटस बताया जा सके। बता दें, पहले कई डंपिंग साइट्स की झूठी रिपोर्ट एनजीटी ने पकड़ ली थी।
प्रदेश में कुल 413 नगरीय निकाय हैं। इनमें से 136 में ही डंप साइट हैं। 277 निकायों में डंपिंग साइट ही नहीं हैं। लैंडफिल साइट भी 9 ही हैं। इसलिए छोटे नगरीय निकाय रोज डिस्पोज न हो पाने वाले घरेलू कचरे को अघोषित डंपिंग साइट्स पर फेंक रहे हैं। शिवपुरी और मंडीदीप के निकायों के ऐसे मामले एनजीटी तक पहुंच चुके हैं।
सॉलिड वेस्ट:
- 413 अर्बन लोकल बॉडी या यूएलबी
-6854 सॉलिड वेस्ट उत्पादन
- 6849 इतना कलेक्शन
- 6836 प्रोसेसिंग
18 में निस्तारण गैप लीगेसी वेस्ट:
- 136 डंप साइट्स प्रदेश में
-77 डंप साइट्स हुई साफ
- बाकी साइट्स पर 41.07 लाख टन कचरा जमा
(स्रोत- एनजीटी में जून 2025 में पेश मप्र शासन की रिपोर्ट, सभी आंकड़े टन प्रतिदिन में।)
Published on:
15 Sept 2025 10:13 am
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