दिल्ली से ऑक्सीजन भी गुरुवार शाम तक नहीं आने के कारण भोपाल में ऑक्सीजन का संकट (oxygen crisis) बना हुआ है। वातावरण से ऑक्सीजन बना रहे बीएचइएल और भारती एयर प्रोडक्ट के प्लांटों पर खाली सिलेंडर लेकर बड़ी संख्या में एंबुलेंस और लोडिंग वाहन खड़े हुए हैं। दोनों ही प्लांटों पर 24 घंटे काम चल रहा है।
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बीएचइएल (भेल) ने शुरू में 1800 क्यूबिक मीटर ऑक्सीजन सप्लाई की बात कही थी, लेकिन अब यह 5 हजार तक पहुंच गई है। बुधवार रात से ही रायसेन, विदिशा, सीहोर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, इटारसी तक के लोग लाइन में लगे हैं। इनको टोकन सिस्टम से 10-10 सिलेंडर भरकर दिए जा रहे हैं। वो भी अस्पताल के दस्तावेज जांचने के बाद।
बीएचइएल (Bharat Heavy Electricals Limited) ने कलेक्टर रेट से 26 रुपए प्रति क्यूबिक के रेट रखे हैं। प्लांट में 24 घंटे काम के चलते इनके कर्मचारी भी पॉजिटिव होने लगे हैं। इधर, ऑक्सीजन की रोजाना 100 मीट्रिक टन मांग पहुंच गई है। दिल्ली व अन्य क्षेत्रों से मिलने वाली ऑक्सीजन में कमी होते ही गुरुवार को व्यवस्था चरमरा गई थी।
इधर, अस्पतालों में मुख्य टैंक तक खत्म हो गए हैं। जेपी अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होते ही बैकअप से मरीजों को ऑक्सीजन की सप्लाई दी गई। इसी बीच आनन-फानन में प्रशासन ने 20 जम्बो सिलेंडर भेज दिए थे।
यहा अटकी रही सांसें
नवजीवन हास्पिटल (navjeevan hospital bhopal) में दोपहर 3.10 बजे ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। यहां तीन मरीज वेंटिलेटर पर थे, जिनको छोटे सिलेंडरों सेस ऑक्सीजन सप्लाई दी गई।
माउंट अस्पताल (mount hospital bhopal) में भी ऑक्सीजन खत्म होने की स्थिति हो गई थी। यहां वेंटिलेटर पर छह मरीज और ऑक्सीजन पर चार मरीज थे।
आराधना अस्पताल (aradhana hospital bhopal) में ऑक्सीजन का एक ही सिलेंडर बचा था, रात नौ बजे से सुबह साढ़े 5 बजे तक ऑक्सीजन नहीं मिलने से मरीजों की सांसें अटकी रहीं। उनके परिजन परेशान होते रहे।
सुभाशीष अस्पताल (subhashish hospital bhopal) में भी रात को ऑक्सीजन खत्म होने से संकट गहरा गया था। किसी तरह दो छोटे सिलेंडरों से मरीजों को सांसें दी गईं।
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आज से शुरू हुआ ऑक्सीजन सेफ्टी ऑडिट
अस्पतालों में ऑक्सीजन की सेफ्टी को लेकर जिला प्रशासन ने अस्पतालों का ऑडिट कराने के आदेश जारी किए हैं। एडीएम की ओर से जारी किए गए आदेश में नगर निगम के अपर आयुक्त सीपी गोहल के नेतृत्व में सात अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इस टीम ने शुक्रवार सुबह से ही अस्पतालों का ऑडिट शुरू कर दिया है।