
Saurabh Sharma case Update
Saurabh Sharma Arrested on Remand for 7 Days: 40 दिन से जांच एजेंसियों को चकरघिन्नी बना रहे परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को 41वें दिन मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। वह जिला कोर्ट में सरेंडर करने जा रहा था। सोमवार को उसके भोपाल कोर्ट में सरेंडर की अर्जी देने की खबर से सक्रिय हुई लोकायुक्त पूरी रात तलाश करती रही, गिरफ्त में नहीं आया तो सुबह कोर्ट के बाहर ताक लगाए बैठी रही।
सौरभ के सरेंडर की अर्जी पर सुबह 11 बजे सुनवाई थी, इससे पहले ही लोकायुक्त ने दबोच लिया। सौरभ के राजदार चेतन सिंह गौड़ को उसके घर से गिरफ्तार किया है। कारोबारी पार्टनर शरद जायसवाल समन का जवाब देने वकील के साथ बयान देने लोकायुक्त दतर पहुंचा। उसे भी गिरफ्तार किया गया।
सुबह 11 बजे से साढ़े 5 घंटे तक सौरभ से पूछताछ की। इसके बाद लोकायुक्त ने सौरभ व चेतन को कोर्ट में पेश कर 7 दिन (4 फरवरी तक) के रिमांड पर लिया। शरद से पूछताछ जारी है। उसे बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने आरोप लगाया, लोकायुक्त ने वाहवाही लूटने के लिए कोर्ट के बाहर से गिरफ्तारी की। वहीं, अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में सक्रिय हो गई। सौरभ की पत्नी दिव्या एक बार ईडी दफ्तर जा चुकी है। आयकर, ईडी, लोकायुक्त व डीआरआइ मामले की जांच कर रही हैं।
आय से अधिक संपत्ति जमा करने का आरोप है। उसके अरेरा कॉलोनी स्थित घर, दफ्तर में लोकायुक्त की छापेमारी में 7.98 करोड़ रुपए की संपत्ति जप्त हुई। आरटीओ के नाकों से वसूली से काली कमाई करने का आरोप।
सौरभ का दोस्त। आयकर विभाग ने भोपाल में मेंडोरी से चेतन की कार से 19 दिसंबर की रात 52 किलो सोना और 11 करोड़ नकदी जब्त की। कार चेतन ही मेंडोरी ले गया था। उसके नाम पर सौरभ ने मछली का ठेका समेत कई संपत्तियां खरीदीं। चेतन शरद का भी करीबी है।
सौरभ का सहयोगी है। आरटीओ के टोल नाकों से अवैध संचालन करने और कई काम में शामिल होने का आरोप है।
शाम 5.10 बजे शरद 22 जनवरी के समन का जवाब देने लोकायुक्त दफ्तर पहुंचा। मीडिया में कहा, घुटने की सर्जरी हुई थी, इसलिए पहले नहीं आया। मैं कंपनी में डायरेक्टर था, पर लेन-देन वैध होते थे। सोना-नकदी से मेरा लेना-देना नहीं है।
सुबह 10 बजे: लोकायुक्त टीम ने सौरभ को पकड़ा।
सुबह 11 बजे: सौरभ से पूछताछ।
दोपहर 3.30 बजे: लोकायुक्त टीम चेतन गौड़ को लेकर पहुंची।
शाम 4.10 बजे: सौरभ-चेतन की मेडिकल जांच कराने गई टीम।
शाम 4.40 बजे: सौरभ का बिजनेस पार्टनर शरद जायसवाल समन का जवाब देने लोकायुक्त कार्यालय पहुंचा।
शाम 5.10 बजे: सौरभ और चेतन को लोकायुक्त की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया।
शाम 7 बजे: कोर्ट ने सौरभ और चेतन को 7 दिन की रिमांड पर दिया।
राकेश पराशर (सौरभ के वकील): मेरा मुवक्किल पेशेवर अपराधी नहीं है। उस पर पहले कोई अपराध दर्ज नहीं है। सोना- नकदी वाली कार से उसका लेना-देना नहीं है। कार भी उसके नाम पर नहीं है। पुलिस हिरासत में मारपीट करती है।
विवेक गौड़ (लोक अभियोजक): अब हिरासत में ऐसा नहीं होता।
पराशर: घर-दफ्तर से जब्ती हो चुकी है। 41 दिन तक पुलिस नहीं पकड़ सकी। हम खुद पेश हुए, सौरभ को रिमांड पर देना उचित नहीं है।
विवेक गौड़ (लोक अभियोजक): हम आरोपी का पूरा ख्याल रखेंगे।
हरीश मेहता (चेतन के वकील): चेतन शुरू से ही जांच एजेंसियों को सहयोग कर रहा है। बुलाने पर दो बार लोकायुक्त दफ्तर भी गया। गिरफ्तारी करनी थी तो तब क्यों नहीं की?
विवेक गौड़ (लोक अभियोजक): चेतन सौरभ शर्मा का करीबी सहयोगी है। मामले की कड़ियां जोडऩे के लिए रिमांड पर लेना जरूरी है।
सौरभ को भोपाल के एक लोकेशन से पकड़ा है। उससे जुड़े लोगों से भी पूछताछ होगी। इसकी वीडियोग्राफी नहीं होगी। एजेंसियों से किसी को खतरा नहीं है। (सौरभ की असंवैधानिक गिरतारी के आरोप पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।)
- जयदीप प्रसाद, डीजी लोकायुक्त
Updated on:
29 Jan 2025 01:45 pm
Published on:
29 Jan 2025 08:10 am
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