
भोपाल. बारिश से नाले-नालियां उफान पर आए तो कॉलोनियों व सडक़ों पर पानी भर गया। शहर में 42 जगहों पर 60 से ज्यादा पेड़ गिरे। निगम कॉल सेंटर में 24 घंटे में आई 137 शिकायतों में से 91 जल भराव को लेकर थीं। राजधानी के सभी जल स्त्रोतों पर हादसे न हो इसकी निगरानी रखने के लिये पुलिस गस्त कर रही।
वहीं, कलियासोत डैम के आस-पास क्षेत्रों में धारा 144 लागू की गई है। जानकारी के मुताबिक डैम में डूबने से अब तक मध्यप्रदेश में करीब 80 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसके बाद से हरकत में आये अफसर के आदेश पर उफनते नदी, नाले-नालियां और डैम के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है।
कलियासोत पर आज से धारा-144 लागू
कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कलियासोत पर धारा-144 लगाने का आदेश पारित किया है। इसके तहत शाम सात से सुबह सात बजे तक प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। ये आदेश मुख्य पट्टी जिस पर जनता मॉर्निंग वॉक के लिए जाती है उस पर लागू नहीं रहेगा।
भदभदा और केरवा डैम के गेट खुले
बड़े तालाब का जल स्तर अधिकतम सीमा से बाहर होने पर शनिवार सुबह सात बजे भदभदा के दो गेट खोले गए। तालाब का एफ टीएल 1666.80 फीट पर रखने के लिए सुबह गेट नंबर 5 और 6 को खोला गया था। दोपहर 12 बजे गेट नंबर 6 को बंद कर दिया गया।
नगर निगम प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को लगातार बारिश के दौर के चलते गेट नंबर 5 दिनभर खुला रहा। इस दौरान लगभग 150 एमसीएफ टी पानी छोड़ा गया। मालूम हो कि यह आठवीं बार है जब भदभदा के गेट खोले गए। इसके साथ ही शनिवार सुबह केरवा बांध के गेट भी खोले गए।
बारिश से ये राजधानी के ये क्षेत्र प्रभावित
नेहरू नगर, राहुल नगर, राजहर्ष कॉलोनी, अवधपुरी और रचना नगर खासे प्रभावित रहे। सोनागिरी, बरखेड़ा पठानी, चार इमली, श्यामला हिल्स, अरेरा कॉलोनी, बागमुगालिया और बागसवेनिया इलाके में पेड़ गिरे। पेड़ गिरने से ट्रैफिक जाम हो गया।
उधर, कोलार, भोपाल टॉकीज, चांदबड़, करोंद, डीआईजी बंगला, कबाडख़ाना, अशोका गार्डन, महामाई का बाग, सेमरा और ऐशबाग में कई जगह चार फीट तक पानी भर गया। नवाब कॉलोनी के चार घरों से निगमकर्मियों ने पानी निकाला।
नया प्राधिकरण बनाने भर से बड़ा तालाब संरक्षित नहीं हो जाएगा
बड़े तालाब के संरक्षण के लिए भोज वेटलैंड और राज्य वेटलैंड अथॉरिटी होने के बाद अब सरकार एक और प्राधिकरण बनाने की तैयारी कर रही है। इससे संरक्षण के बजाय टालने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। यह आरोप भोपाल सिटीजन फोरम ने शनिवार को पत्रकारवार्ता में लगाए। फोरम के कन्वीनर प्रकाश सेठ ने बताया कि भोज वेटलैंड (बड़ा तालाब कैचमेंट) अंतरराष्ट्रीय महत्व का रामसर साइट होने के बावजूद देखरेख में लापरवाही बरती जा रही है।
फुलटैंक लेवल से 50 मीटर अंदर निर्माण नहीं किए जाने के एनजीटी के निर्देश के विपरीत शासन ने स्वयं एम्फी थियेटर का निर्माण कर दिया। 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने रिटेनिंग वॉल तोडऩे के निदेश दिए थे, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके उलट कई जगह मिट्टी भराई एवं मुनारें हटाकर अतिक्रमण किया जा रहा है। फोरम के सुरेन्द्र तिवारी ने बताया कि तालाब के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए सेप्ट से रिपोर्ट बनवाई थी ,लेकिन न तो इसे सार्वजनिक किया, न ही इस पर क्या कार्रवाई की जा रही है।
Updated on:
25 Aug 2019 11:00 am
Published on:
25 Aug 2019 10:42 am
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