CM Mohan Yadav: आदिवासियों को जल, जंगल, जमीन से बेदखल करने का विरोध किया जा रहा है। इस पर कांग्रेस भी हमलावर है। सरकार पर लगातार सवाल उठा रही है। इस बीच राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने निर्देश दिए कि वन ग्रामों में सर्वे करवाया जाएगा। जो पात्र व्यक्ति छूट गए हैं उन्हें भी पट्टे दिए जाएंगे। मालूम हो कि एक दिन पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, कांग्रेस कार्यसमिति सदस्य कमेलश्वर पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि सरकार आदिवासियों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है। हजारों आदिवासी परिवारों के पट्टे बिना किसी पूर्व सूचना के खारिज कर दिए गए।
सीएम ने समीक्षा बैठक के दौरान अफसरों से जानकारी प्राप्त की। कहा कि किसी को भी उनके अधिकार से वंचित न किया जाए। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ वन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गुजरात के वनतारा जाएं। वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर देखें और मध्यप्रदेश में भी ऐसे ही बड़े रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की संभावनाओं पर गहनता से अध्ययन करें। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वन अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव (वित्त) मनीष रस्तोगी, पीसीसीएफ असीम श्रीवास्तव, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन उपस्थित थे।
अपर मुख्य सचिव (वन) ने बताया कि विभाग 160 किलोमीटर संरक्षित क्षेत्रों में फेंसिंग करवा रहा है। उज्जैन में जू एवं रेस्क्यू सेंटर की स्थापना के लिए डीपीआर तैयार कर मंजूरी के लिए सीजेडए नई दिल्ली को भेजी गई है। जबलपुर में भी सेंटर की स्थापना के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। जलीय जीवों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए नर्मदा नदी में महाशीर मछली तथा चंबल नदी में ककुए, मगर एवं घड़ियाल का प्रजनन केंद्र स्थापित करने की योजना है। ओंकारेश्वर अभयारण्य तथा ताप्ति कंजर्वेशन रिजर्व एवं सोनेवानी (बालाघाट) में भी कंजर्वेशन रिजर्व की स्थापना की जा रही है। वीरांगना दुर्गावती टाइगररिजर्व में इसी साल चीता पुनर्स्थापना की तैयारी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थापना वाले वनधिकारियों एवं कर्मचारियों को पौष्टिक आहार भत्ता एवं विशेष भत्ता आदि देकर उनका सम्मान किया जाएगा। वन सुरक्षा में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले वनकर्मियों को आउट आफ टर्नप्रमोशन देने पर भी वन विभाग विचार कर प्रस्ताव दें।
पीसीसीएफ के अनुसार अधिकारियों एवं कर्मचारियों का मौके पर पहुंचकर अग्निशमन की कार्यवाही करने का प्रतिक्रिया समय अब तीन घंटे हो गया है। पहले आठ घंटे था। एफएसआइ पोर्टल पर 1.05 लाख लोगों को फायर अलर्ट की सूचना देने के लिएपंजीबद्ध किया गया है। यह संख्या देश में सर्वाधिक है।
Published on:
21 Jun 2025 08:23 am