
veins blockage treatment : वातावरण में बढ़ते प्रदूषण और खान पान में आए बिगाड़ के चलते अकसर लोग कई तरह की समस्याओं से ग्रस्त हैं। इन्हीं में एक समस्या से आजकल कई लोग परेशान हो रहे हैं और वो है शरीर की नसें ब्लॉक हो जाना। ऐसे व्यक्ति को संबंधित स्थान पर काफी तकलीफ का सामना तो करना ही पड़ता है। साथ ही, ग्रस्त स्थान पर गठान, जलन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। नसों के ब्लॉक होने की समस्या अगर ह्रदय से जुड़ी मुख्य नसों में हो जाए तो हार्ट अटैक का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरह के महंगे महंगे ट्रीटमेंट करा लेते हैं। लेकिन, अकसर कैसेज में पीड़ित को हार मानकर संबंधित समस्या का ऑपरेशन कराना पड़ता है। हालांकि, इसकी भी कोई गारंटी नहीं है कि, ऑपरेशन के बाद भी आजीवन इस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
ऐसी स्थिति में अगर आप से कहें कि, किचन में मौजूद खाने की चीजों से हम इस गंभीर समस्या से निजात पा सकते हैं, तो आप हैरान हो जाएंगे। लेकिन ये सच है कि किचन में मौजूद चीजों के मिश्रण से अपने शरीर की कोई भी नस खोल सकते हैं। अगर आप भी नसों की इस समस्या से परेशान है या किसी ह्रदय संबंधित समस्या से ग्रस्त हैं, तो ये नुस्खा आपके काम आ सकता है। इसमें इस्तेमाल की जाने वाली चीजों को भी आयुर्वेद में एक खास स्थान प्राप्त है। तो आइये जानते हैं, इस घरेलू नुस्खे में किचन की किन-किन चीजों को मिलाकर मिश्रण बनाया जा सकता है।
-दालचीनी- करीब एक ग्राम।
-काली मिर्च (साबुत)- दस ग्राम।
-तेज पत्ता- दस ग्राम।
-मगज- दस ग्राम।
-मिश्री- दस ग्राम।
-अखरोट (टूटा हुआ)- दस ग्राम।
-अलसी- दस ग्राम।
बताई गई सभी चीजें हमारे ङर के किचन में आसानी से मिल जाती हैं। इन चीजों से बने मिश्रण से शरीर की ब्लॉक नसों को खोलने वाली औषधि बनाई जाती है। इसका मिश्रण बनाने के लिए आपको इन सभी चीजों को मिक्सर में बारीक पीसना होगा। पिसे हुए मिश्रण को बराबरबराबर दस हिस्सों में बांटकर किसी कागज या पन्नी में रखना होगा। अब ये मिश्रण उपयोग के लिए तैयार है।
10 दिनों के इस मिश्रण को आपको रोजाना खाली पेट खाना होगा। इसका सबसे बेहतर समय सुबह का वक्त होता है। खाली पेट, सिर्फ पानी के साथ रोजाना दवा की दस में से एक पुड़िया का सेवन करें। ध्यान रखें कि, दवा खाने के आधे घंटे बाद तक किसी भी चीज का सेवन ना करें। इस दौरान चाय का सेवन बिल्कुल मना है। हालांकि दो-तीन घंटे बाद आप चाय या नीश्ता कर सकते हैं। इस दवा को लगातार 10 दिनों तक खाने पर ही फर्क आपको नजर आने लगेगा।
शरीर की नसें ब्लॉक होने पर हार्ट ब्लॉकेज की संभावना कुदरती तौर पर ज्यादा बढ़ जाती है। इसके अलावा लकवा भी अपने चरम सीमा पर पहुंच जाता है। ऐसी स्थिति आ जाने पर देरी करने से जान पर भी बन सकती है। ऐसी स्थिति में इस चूरण को पानी में मिलाकर पीने से हार्ट अटैक और लकवे के खतरे को काफी कम किया जा सकता है।
ये पुराने जमाने से इस्तेमाल किया जाने वाला घरेलू उपचार है। इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले मसाले पूरी तरह नेचुरल और नुकसान रहित होते हैं। आयुर्वेद में भी इन्हें खास स्थान है। लेकिन, क्योंकि, ये एक नुस्खा है, इसलिए ये संभव नहीं है कि, इससे सभी को फायदा भी हो। अन्यथा पत्रिका इससे फायदे की जवाबदारी बिल्कुल भी नहीं लेता। किसी भी चीज पर भरोसा करके उसका सेवन करना आप ही के हित में होगा।
Updated on:
01 Jun 2024 08:38 am
Published on:
19 May 2019 03:55 pm
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