
20 साल बाद शिक्षकों की सौगात (फोटो सोर्स- पत्रिका)
CG News: बीजापुर जिले की शिक्षा व्यवस्था में मंगलवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत जिले के 78 शिक्षकविहीन स्कूलों में नियमित शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। वर्षों से सूने पड़े इन स्कूलों में अब बच्चों की पढ़ाई शुरू होगी और शिक्षा व्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।
जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार, शासन के निर्देश पर पूरी की गई इस प्रक्रिया में 198 अतिशेष शिक्षकों में से 189 को नई जगह पदस्थापित किया गया है। इनमें 104 सहायक शिक्षक, 13 प्रधानपाठक प्राथमिक, 45 शिक्षक, 31 प्रधानपाठक माध्यमिक और 5 व्यायाता शामिल हैं। नई तैनाती में 82 शिक्षकों को पूरी तरह शिक्षकविहीन स्कूलों में, 44 को एकल शिक्षक वाले स्कूलों में और 63 को सामान्य जरूरत वाले स्कूलों में भेजा गया है।
सबसे खास बात यह है कि 76 स्कूल, जो लगभग दो दशक से बंद पड़े थे, वहां पहली बार नियमित शिक्षक पहुंचे हैं। गुंडापुर, मुदवेंडी, हिरमगुंडा, बोटेतोंग, गुंजेपरती, जीड़पल्ली और मुरकीपाड़ जैसे दुर्गम और अतिसंवेदनशील इलाकों में अब शिक्षा की नई रोशनी फैलेगी।
एक उच्च माध्यमिक विद्यालय, जहां सभी व्यायाता पद खाली थे, वहां अब हिंदी और सामाजिक अध्ययन विषय के व्यायाताओं की नियुक्ति की गई है। इससे विद्यार्थियों की पढ़ाई में अब कोई बाधा नहीं आएगी और विषयवार शिक्षा सुनिश्चित होगी।
सरकार की इस पहल से जिले में उत्साह का माहौल है। वर्षों से सुनसान पड़े स्कूलों में अब बच्चों की चहल-पहल गूंजेगी। यह कदम न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देगा, बल्कि बीजापुर के दूरस्थ इलाकों में बच्चों के भविष्य को भी उज्जवल बनाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की व्यापक शिक्षक तैनाती से शिक्षा में गुणवत्ता और नियमितता दोनों सुनिश्चित होंगी। ग्रामीण इलाकों में बच्चों की शिक्षा पर लंबे समय से प्रभाव डाल रहे शिक्षकविहीनता की समस्या अब दूर होगी।
Published on:
10 Sept 2025 02:04 pm
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