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बीजापुर बना नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना? यहां के नक्सली लड़ाके पूरे देश के प्रभावित इलाकों में थामे हुए है बंदूक, जानें

CG Naxal News: एक वक्त था जब अबूझमाड़ को नक्सलवाद का हॉट स्पॉट माना जाता था। यह इलाका नक्सलियों के लिए सबसे सेफ भी था। यहां के गांव-गांव में नक्सलियों का प्रभाव था।

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नक्सल संगठन को बड़ा झटका! तेलंगाना में नक्सली लीडर समेत 8 का आत्मसमर्पण, हिंसा का रास्ता छोड़ा, समाज की ओर लौटे(photo-patrika)

नक्सल संगठन को बड़ा झटका! तेलंगाना में नक्सली लीडर समेत 8 का आत्मसमर्पण, हिंसा का रास्ता छोड़ा, समाज की ओर लौटे(photo-patrika)

CG Naxal News: मनीष गुप्ता. एक वक्त था जब अबूझमाड़ को नक्सलवाद का हॉट स्पॉट माना जाता था। यह इलाका नक्सलियों के लिए सबसे सेफ भी था। यहां के गांव-गांव में नक्सलियों का प्रभाव था। अब जब नक्सलवाद बस्तर में अंतिम सांसें गिन रहा है तब समूचे बस्तर में सबसे प्रभावित जिला बीजापुर बना हुआ है। बीजापुर नक्सल घटनाओं, हत्याओं और एनकाउंटर के लिहाज से हॉट स्पॉट बना हुआ है। अब माड़ से कम ही खबरें आ रही हैं। नक्सली बीजापुर जिले की तरफ मूव हुए हैं। आंकड़े भी यह स्पष्ट कर रहे हैं।

बीजापुर शुरुआत से नक्सलियों की नर्सरी रहा है लेकिन अब वे यहां सबसे ज्यादा एक्टिव हैं। एक ओर बस्तर में नक्सलवाद का दायरा सिमट रहा है तो वहीं दूसरी ओर अकेले बीजापुर जिले में नक्सली सबसे ज्यादा हत्याएं कर रहे हैं। साल 2024 से 2025: में अब तक 47 प्रतिशत एनकाउंटर बीजापुर जिले में ही हुए हैं। इसी तरह 45 प्रतिशत नक्सल हत्याएं भी इसी जिले में दर्ज की गई हैं। 55 प्रतिशत नक्सल गिरफ्तारियां यहां हुई हैं। सबसे ज्यादा 31 प्रतिशत नक्सल सरेंडर का रेकॉर्ड भी इसी जिले के नाम है।

सुकमा में नक्सलियों के डंप किए गए हथियार व अन्य सामग्री जब्त

सुकमा जिले के मेट्टागुड़ा कैम्प के पास सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के डंप किए गए हथियार, विस्फोटक व अन्य उपकरण बरामद किए हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पर कोबरा, सीआपीएफ व जिला बल की संयुक्त पार्टी नक्सल विरोधी अभियान के लिए निकली थी।

पुलिस पार्टी बोटेलंका, ईरापल्ली, कोईमेंटा पहाड़ी, दारेली व आस-पास क्षेत्र सर्चिंग कर रही थी। सर्चिंग के दौरान कोईमेंटा पहाड़ी पर नक्सलियों द्वारा डंप किए गए कंट्रीमेड हथियार, व अन्य नक्सल सामग्री को बरामद किया गया। एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि ग्राम कोईमेंटा के जंगल में नक्सलियों के इन सामग्रियों को बरामद किया गया है।

कंट्रीमेड रायफल, बीजीएल लांचर, बीजीएल लांचर बैरल, यूएवी नेत्रा टूटा हूआ प्रोपेलर, इलेक्ट्रिक होल्डर वेल्डिंग, बैंच वाइस, स्टील पाइप, लोहे का छड़, लोहे का बेस प्लेट, आयरन क्लैंप, ग्राउंड सपोर्टर (2 किग्रा), वर्दी, बैटरी बरामद किया गया है।

CG Naxal News: यहां के 52 नक्सली दूसरे राज्यों में ढेर

बीजापुर से निकलने वाले नक्सली देश के अलग-अलग राज्यों में काम कर रहे हैं। बीते पांच साल में बीजापुर के 52 नक्सली देश के अलग-अलग राज्यों में फोर्स की गोली से मारे गए हैं। ओडिशा में 12, झारखण्ड में 6, महाराष्ट्र में 17, तेलंगाना में 10, आंध्र प्रदेश में 7 नक्सली ढेर हुए हैं।

बीजापुर में नक्सलियों ने बीते एक साल में 42 ग्रामीणों की हत्या की है। नेशनल पार्क में दहशत इतनी बढ़ी है कि गांवों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक तक लगा दी गई है।

बीजापुर में नक्सलियों की मजबूती का प्रमुख वजह

  1. बीजापुर में स्थित इंद्रावती नेशनल पार्क का 2200 वर्ग किमी का जंगल नक्सलियों की बन चुकी है शरण स्थली। तीन दशकों से वन अमला भी अंदरूनी इलाकों में नहीं प्रवेश करता हैं।
  2. बैलाडीला पहाड़ी की तराई में स्थित लोहागांव, गमपुर, पीडिया, सहित 40 से अधिक गांव पहुंच विहीन होने के कारण इन इलाकों में नक्सली स्वछंद रूप से विचरण करते हैं।
  3. सत्तर के दशक में नक्सलियों का आंध्र प्रदेश से बीजापुर की ओर से बस्तर में प्रवेश हुआ था। इस कारण यहां निवासरत कई आदिवासी जनजातियों में नक्सलियों की अच्छी पैठ हैं।
  4. बीजापुर के कई इलाकों में शिक्षा सहित मूलभूत सुविधाओ की कमी और जागरूकता का अभाव। बीजापुर की भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थियां नक्सलियो के अनुकूल हैं। इंद्रावती, मिंगाचल और तालपेरू नदियों में ब्रिज का अभाव नक्सलियों के लिए वरदान साबित हो रहा हैं।

फोर्स के लगातार ऑपरेशन के कारण बीजापुर जिले में भी नक्सलियों की कमर टूट चुकी हैं यहाँ से भी बहुत जल्दी नक्सलियों का सफाया हो जाएगा। - सुंदरराज पी, आईजी बस्तर