
बिजनौर। यूपी के इस जिले में बैलगाड़ी का चालान काटने की चर्चा के बाद सुर्खियों में आई पुलिस की जमकर किरकिरी हाे रही है। चर्चा है कि पुलिस ने गलती मानते हुए चालान कैंसल कर दिया। जबकि यह चालान पुलिस ने गलती से नहीं बल्कि जानबूझकर काटा था। वही पुलिस अधिकारियों ने भी माना कि चालान काटा जाना था, लेकिन गलत धाराओं में कट गया। जिसकी वजह से चालान कैंसल कर दिया गया।
अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद गश्त पर थी पुलिस
दरअसल यह मामला शनिवार शाम का है। चर्चा है कि सहासपुर थाना क्षेत्र में रियाज हसन ने अपनी बैलगाड़ी खेत के बाहर खड़ी की हुई थी। इस बीच सहसपुर पुलिस थाने की टीम अवैध खनन की सूचना पर गश्त करते हुए पहुंची। यहां सब इंस्पेक्टर टीम का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने रास्ते में बैलगाड़ी को खड़े देखा। उसके आसपास कोई मौजूद नहीं था। सब इंस्पेक्टर ने लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि बैलगाड़ी रियाज हसन की है। इसके बाद पुलिस रियाज हसन के घर पहुंच गई। वहां उन्होंने रियाज को चालान थमा दिया। पुलिस ने अबीमाकृत वाहन चलाने के नियम के तहत रियाज का 1 हजार रुपये का चालान काट दिया। इस पर हसन ने कहा कि उन्होंने अपना वाहन खेत के बाहर ही खड़ा किया गया था। उनका चालान कैसे कट सकता है। वही यह मामला सुर्खियाें में आने पर रविवार को उनका चालान रद्द कर दिया गया। इसकी वजह मोटर व्हीकल एक्ट में बैलगाड़ी पर जुर्माने का कोई प्रावधान न होना है।
आईपीसी की जगह एमवीएक्ट में कटा चालान
वही इस मामले में बिजनाैर के सहासपुर थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह ने बताया कि हमारे यहां इस तरह का काेर्इ चालान नहीं काटा गया है। यह हमारे क्षेत्र का मामला नहीं है। वहीं चर्चा है कि पुलिस टीम अवैध खनन की सूचना मिलने के बाद गश्त पर थी। इस दौरान हसन की बैलगाड़ी खड़ी मिली। वहीं यहां अधिकतर गांव वाले बैलगाड़ी से ही खनन की रेत ले जाते हैं। ऐसे में पुलिस टीम को लगा कि हसन की बैलगाड़ी का भी इस्तेमाल यहां खन्न रेत ले जाने के लिए हुआ होगा। इसी के चलते उनका चालान काटा गया। चालान आईपीसी की धारा में किया जाना था, लेकिन इसकी जगह मोटर व्हीकल एक्ट में कर दिया गया। जिसे कैंसल किया गया है।
Updated on:
16 Sept 2019 04:37 pm
Published on:
16 Sept 2019 04:15 pm
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