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बीकानेर शहर में 20 साल बाद होगा यूडी टैक्स के लिए सर्वे, निगम का राजस्व बढ़ाने की तैयारी

निगम की ओर से यूडी टैक्स के लिए सम्पत्तियों का सर्वे करने के पीछे राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने का लक्ष्य है। निगम बनने से पहले नगर परिषद के समय वर्ष 2005 से 2007 के बीच शहर में नगरीय विकास कर वसूली के लिए सर्वे किया गया था।

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Bikaner Nagar Nigam

बीकानेर नगर निगम (फोटो-पत्रिका)

बीकानेर। शहर में बीस साल बाद नगरीय विकास कर की वसूली के लिए नया सर्वे कराया जाएगा। नगर निगम ने इसके लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। संवेदक फर्म को शहर के भवनों-भूखण्डों का सर्वे करने का काम सौंपने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। सर्वे के बाद टैक्स वसूली का काम भी निजी फर्म को ही सौंपा जाएगा।

निगम की ओर से यूडी टैक्स के लिए सम्पत्तियों का सर्वे करने के पीछे राजस्व प्राप्ति को बढ़ाने का लक्ष्य है। निगम बनने से पहले नगर परिषद के समय वर्ष 2005 से 2007 के बीच शहर में नगरीय विकास कर वसूली के लिए सर्वे किया गया था। इसके बाद शहर का विस्तार हो गया। खाली भूखण्डों में भवन और बहुमंजिला इमारतें बन गई। ऐसे में अब नया सर्वे कराया जा रहा है।

सर्वे पुराना, स्टाफ की कमी

निगम में यूडी टैक्स के लिए सर्वे करने और वसूली करने के लिए स्टाफ की कमी है। ऐसे में संवेदक फर्म के माध्यम से सर्वे कराने और इसके बाद टैक्स वसूल करने का निर्णय किया है। हालांकि शहर में निजी फर्म के लोगों के वसूली करने पर बवाल मचने की आशंका भी जताई जा रही है।

10 करोड़ से अधिक आय का अनुमान

निगम आयुक्त मयंक मनीष के अनुसार नगरीय विकास कर के नए सर्वे होने से पिछले करीब बीस सालों में विकसित और यूडी टैक्स वसूली योग्य मकानों, इमारतों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों, मॉल, मार्केट आदि का पता चलेगा। इनसे यूडी टैक्स की वसूली करने से निगम का राजस्व बढ़ेगा। अनुमान है निगम को 10 करोड़ रुपए से भी अधिक का राजस्व यूडी टैक्स के रूप में प्राप्त हो सकेगा।

साल के अंत में सर्वे की उम्मीद

आयुक्त के अनुसार यूडी टैक्स सर्वे, राजस्व वसूली के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण होने और कार्यादेश जारी होने में करीब दो महीने का समय लगेगा। साल के अंत तक यूडी टैक्स सर्वे शुरू होने और नए साल की शुरुआत से टैक्स वसूली शुरू होने का अनुमान है।

ऐप-वेबसाइट से रख सकेंगे नजर

नए नगरीय विकास कर के सर्वे से भूखण्ड और मकान मालिकों को ऐप और वेबसाइट की सुविधा भी मिलेगी। भूखण्ड और मकान मालिक ऐप के माध्यम से अपने यूडी टैक्स खाते की जानकारी घर बैठे और किसी भी समय प्राप्त कर सकेंगे। यूडी टैक्स भरने की ऑनलाइन सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।

14 हजार योग्य संपत्तियां

निगम में वर्तमान में 14 हजार से अधिक नगरीय विकास कर योग्य संपत्तियां सूचीबद्ध है। इनसे निगम यूडी टैक्स प्राप्त कर रहा है। निगम अधिकारियों का मानना है कि नया सर्वे होने से इन संपत्तियों की संख्या 25 हजार से अधिक होने की संभावना है। इनसे करीब 10 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व निगम को प्राप्त हो सकता है। विगत बीस सालों में कई नई आवासीय कॉलोनियों सहित, मार्केट, मॉल, शिक्षण संस्थानें, इंस्टीट्यूट, निजी अस्पतालों सहित व्यवसायिक प्रतिष्ठान विकसित हुए है।

143 करोड़ रुपए बकाया

निगम में बकाया यूडी टैक्स कर की राशि साल दर साल बढ़ ही रही है। वसूली की गति धीमी होने से बकाया राशि का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। बीते वित्तीय वर्ष में निगम ने 6.49 करोड़ रुपए वसूल किए थे। वर्तमान में यूडी टैक्स के रूप में लगभग 143 करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि बकाया है। इसमें जनरल श्रेणी में 74 करोड़ रुपए से अधिक, सेमी गवर्मेंट श्रेणी में 56 करोड़ रुपए से अधिक, मार्केट-कटला में 1.40 करोड़, आरएसइबी में 6.34 करोड़ रुपए हैं।