
एक मैच के दौरान राजस्थान की मुन्नी भांभू (फोटो: पत्रिका)
Sports Day 2025: खेतों में अपने परिवार का हाथ बटाने वाली बेटियों ने सपने में नहीं सोचा था कि एक दिन वे अपने सपनों को 'गोल' में बदलेंगी लेकिन अब यह हकीकत बना गया है। कहानी है बीकानेर जिले से 72 किलोमीटर दूर ढिंगसरी गांव की। अब इसे 'फुटबॉल वाला गांव' भी कहा जाने लगा है।
जहां खेत में बनीं फुटबॉल एकेडमी में 200 से ज्यादा खिलाड़ी अभ्यासरत हैं जिनमें 135 बेटियां शामिल हैं। इनके सपनों को आकार दिया अर्जुन अवार्डी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान मगन सिंह ने। खेल के साथ एकेडमी में इन बालिकाओं के लिए नि:शुल्क शिक्षा का भी प्रबंध है। सभी को नि:शुल्क किट और ट्रेनिंग दी जाती है। साथ ही बालिका हॉस्टल का निर्माण भी जारी है।
एकेडमी की मुन्नी भांभू का चयन अंडर-16 भारतीय टीम में हुआ और उन्होंने रजत पदक विजेता टीम में अहम भूमिका निभाई। वे अब अंडर-17 टीम का हिस्सा हैं। दुर्गा कंवर का चयन अंडर-17 भारतीय टीम कैंप में हुआ है। भूटान में चल रही प्रतियोगिता में भी यहां की बालिका टीम हिस्सा ले रही है। हाल ही में नेशनल टूर्नामेंट में एकेडमी की 12 खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर राजस्थान को 60 साल बाद विजेता बनाया।
एकेडमी की शुरुआत खेत में खेलने से हुई थी। इसका सपना मगन सिंह ने साल 2020 में देखा था। बाद में विक्रम सिंह राजवी ने 8 बीघा जमीन खरीदी। दो बीघा गिफ्ट में मिली। खिलाड़ियों की संख्या बढ़ने पर 15 बीघा जमीन और जोड़ी गई जो खुद के परिवार की थी। अब कुल 18.5 बीघा में तीन मैदान तैयार हैं। भामाशाह भी सहयोग में आगे आए हैं।
विक्रम सिंह राजवी कहते हैं 'बचपन से इसी गांव में खेलना शुरू किया था। सपना है कि इसी गांव से तैयार खिलाड़ी भारतीय टीम में खेलें और देश का नाम रोशन करें।'
Published on:
29 Aug 2025 09:45 am
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