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खुशी मातम में बदली… 2 माह के मासूम की टीकाकरण के बाद मौत, परिजनों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

Crime News: बिलासपुर के मंगला बस्ती स्थित धुरीपारा में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही से एक आदिवासी परिवार का चिराग बुझ गया।

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नवजात (photo-unsplash)

नवजात (photo-unsplash)

Crime News: बिलासपुर के मंगला बस्ती स्थित धुरीपारा में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही से एक आदिवासी परिवार का चिराग बुझ गया। दो माह के मासूम को एक ही दिन में चार इंजेक्शन लगाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और बुधवार दोपहर मासूम ने दम तोड़ दिया। घटना के बाद गुस्साए परिजनों ने आंगनबाड़ी केंद्र में हंगामा किया और कलेक्टोरेट पहुंचकर लिखित शिकायत सौंपी।

लंबे इंतजार के बाद पुत्र जन्म, लेकिन खुशियां मातम में बदली

धुरीपारा निवासी पंडा गौड़ के घर लंबे समय बाद पुत्र जन्मा था। परिवार में खुशी का माहौल था। शासन की योजनाओं के तहत बच्चों को मितानिनों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं और समय-समय पर टीकाकरण उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन परिजनों का आरोप है कि क्षेत्र की मितानिन कई दिनों से छुट्टी पर थी।

चार इंजेक्शन एक साथ लगाए, बिगड़ी तबीयत

मंगलवार दोपहर परिजन बच्चे को धुरीपारा आंगनबाड़ी केंद्र लेकर पहुंचे। आरोप है कि वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मी ने नियमों की अनदेखी करते हुए मासूम को एक साथ चार इंजेक्शन लगा दिए। इंजेक्शन लगने के कुछ ही घंटे बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ती चली गई। परिजन इलाज के लिए मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी जिम्मेदार अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

बुधवार दोपहर मौत, गुस्साए परिजनों का हंगामा

बुधवार दोपहर करीब 2 बजे मासूम ने दम तोड़ दिया। इसके बाद गुस्साए परिजन आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे, लेकिन वहां न तो इंजेक्शन लगाने वाली मितानिन थी और न ही कोई अन्य कर्मचारी मौजूद था। परिजनों ने केंद्र में जमकर हंगामा किया और इसके बाद कलेक्टोरेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।

जांच की मांग

परिजनों ने मांग की है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि विभागीय लापरवाही के कारण एक निर्दोष मासूम की जान गई है और अब भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए जवाबदेही तय की जाए।