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नया पैंतरा! लैप्स बीमा पॉलिसी का झांसा देकर 48 लाख की ठगी, पुलिस ने गाजियाबाद से 3 आरोपियों को दबोचा

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: बिलासपुर साइबर पुलिस ने 48 लाख रुपए की ठगी के मामले में नोएडा और दिल्ली से तीन ठगों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने फर्जी कॉल सेंटर के जरिए देशभर में करोड़ों की ठगी की। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: बिलासपुर में लैप्स बीमा पॉलिसी का पैसा दिलाने का झांसा देकर 48 लाख की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्यों को बिलासपुर पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है।

सारंगढ़ निवासी सुभाषचंद्र गुरु को 2022 से 2024 तक अलग अलग मोबाइल नंबर से किए गए कॉल से उन्हें लैप्स बीमा पॉलिसी का जमा पैसा वापस दिलाने का झांसा दिया गया। इसके एवज में उन्हें शुल्क और अनापत्ति के नाम पर बातों में उलझाकर पैसों की मांग की गई। झांसे में आकर उन्होंने 48 लाख 42 हजार रुपए दे दिए। जब पॉलिसी के रुपए नहीं मिले तब उन्हें ठगी का अहसास हुआ और पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने मोबाइल नंबर और जिन खातों में ट्रांजेक्शन हुए थे, उसके जरिए अपराधियों तक पहुंची।

दिल्ली और यूपी में पांच दिन तक डेरा

पुलिस की टीम अपराधियों की तलाश में दिल्ली और यूपी पहुंची। कड़ाके की ठंड में पांच दिनों तक कैंप लगाकर ठगों की पतासाजी में जुटी रही। इसी दौरान पुलिस को नोएडा निवासी कुलदीप हाथ लगा। पूछताछ में उसने बताया कि वह यह काम अपने साथी नोएडा जिला गौतमबुद्ध नगर निवासी नितेश कुमार, शैलेष मिश्रा, मनीष मिश्रा और हिमांशु के साथ लैप्स इंश्योरेंस पॉलिसी का जमा पैसा वापस दिलाने के नाम पर अलग-अलग बहाने से झांसा देकर ठगी का रकम मंगाते थे। सभी ने साथ में मिलकर जुर्म करना स्वीकार किया। पुलिस ने कुलदीप, नितेश, शैलेष को गिरफ्तार कर बाकी की तलाश कर रही है।

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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: फर्जी कॉल सेंटर

पुलिस को आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को फंसाते थे। फिर फर्जी सिम कार्ड और प्रोक्सी बैंक एकाउंट के जरिए रुपयों का लेनदेन किया जाता था। इसके लिए फर्जी तरीके से फर्जी सिम भी हासिल किया गया था। आरोपियों ने ठगी से भारी अचल संपत्ति बनाई है, जिसे जब्त करने के लिए पुलिस कार्यवाही कर रही है।

ये रखें सावधानी तो नहीं होगी ठगी

  • शेयर मार्केट में निवेश कर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देने वाले अनजान कॉल से सावधान रहें। किसी भी प्रकार के व्हाट्सएप ग्रुप में न जुडे़ और न ही किसी प्रकार की जानकारी साझा करें।
  • कोई भी व्यक्ति अनजान नम्बर से अपने आप को कस्टम विभाग, पुलिस अधिकारी, सीबीआई. अथवा ईडी का अधिकारी बताकर बताकर ठगी करने का प्रयास करते है जिसमें पार्सल कैंसल हो गया है, पार्सल में 11 ड्रग्स मिला है, जिसे कस्टम विभाग द्वारा जब्त किया गया है कहकर ‘‘डिजिटल अरेस्ट’’ के नाम पर ठगी किया जा रहा है इस प्रकार के ठगी से सावधान रहें।
  • पार्सल के नाम पर मोबाइल नंबर पर कॉल करने कहा जाता है, जिससे कस्टमर का कॉल फारवर्ड एक्टिवेट हो जाता है और कॉल तथा मैसेज की जानकारी ठगों के पास चली जाती है। ऐसे कॉल से सावधान रहें।
  • किसी भी लुभावने या सस्ती कीमतों पर मिलने वालों सामानों को खरीदते समय नकद (कैश ऑन डिलीवरी) में लेन-देन करें।
  • अनजान व्यक्ति जिसका नम्बर आपके मोबाइल पर सेव नही है, उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करें।
  • अनजान वेबसाइट एवं अनाधिकृत एप डॉउनलोड या सर्च करने से बचे।
  • कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें। खुद को स्वयं होकर ठगो के पास न पहुंचाएं।
  • स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से इंटीमेट (अश्लील लाइव चैट) करने से बचे।
  • परीक्षा में अधिक अंकों से पास करा देने की झांसा देने वाले व्यक्तियों खासकर +92 नम्बरो से होने वाले साइबर फ्रॉड पर तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें।
  • हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर सम्पर्क कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। https://cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।