26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खेलते समय डेढ़ साल के मासूम ने निगला चना, सांस नली में फंसने से हुई दर्दनाक मौत, घर में पसरा मातम

Big Incident: गले में फंसा एक छोटा-सा चना डेढ़ साल के मासूम की जिंदगी निगल गया। खेलते-खेलते हुई इस अनहोनी ने परिवार की खुशियां छीन लीं।

2 min read
Google source verification
मौत (Photo Patrika)

मौत (Photo Patrika)

Big Incident: गले में फंसा एक छोटा-सा चना डेढ़ साल के मासूम की जिंदगी निगल गया। खेलते-खेलते हुई इस अनहोनी ने परिवार की खुशियां छीन लीं। रोते-बिलखते परिजन उसे बचा भी न सके और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी सांसें थम गईं।

मासूमों की शरारतें कभी-कभी जिंदगी पर भारी पड़ जाती हैं। ऐसा ही दर्दनाक हादसा रतनपुर में हुआ, जब डेढ़ साल के शिवांश पोर्ते की खेलते-खेलते गले में चना फंस गया। चना सीधा उसकी सांस नली में चला गया और दम घुटने से उसने मौके पर ही छटपटाना शुरू कर दिया।

परिजन तुरंत उसे लेकर रतनपुर स्थित स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, लेकिन तब तक उसकी सांसें थम चुकी थीं। शिवांश मूल रूप से कोरबा जिले के पाली का रहने वाला था। फिलहाल उसका परिवार रतनपुर के खाल्हेपारा स्थित एक फॉर्म हाउस में रहता है। परिजनों के मुताबिक, बच्चा खेलते समय फर्श पर पड़ा चना उठाकर मुंह में डाल लिया। खेल-खेल में यह उसकी जान ले बैठा।

डॉक्टर ने बताया कि चना सीधे श्वास नली में फंस गया था। इससे बच्चा हांफने लगा और उसकी रोने की आवाज भी अटकने लगी। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।

महीने भर पहले कोरबा में भी गई थी मासूम की जान

एक महीने पहले ही कोरबा जिले में 2 साल के मासूम की भी गले में चना फंसने से मौत हो गई थी। परिजनों ने आरोप लगाया था कि मेडिकल कॉलेज में समय रहते इलाज नहीं मिला। डॉक्टर चना निकालने में देर करते रहे और बच्चे ने दम तोड़ दिया।

टॉपिक एक्सपर्ट

  1. घबराएं नहीं, तुरंत प्रतिक्रिया देंबच्चे को जोर-जोर से हिलाने या पानी पिलाने की कोशिश न करें। इससे दाना और नीचे फंस सकता है।
  2. अगर बच्चा खाँस रहा है या आवाज निकाल पा रहा है, तो उसे खाँसने दें। बीच में उंगली डालकर निकालने की कोशिश न करें।
  3. बच्चे को पेट के बल अपनी गोद पर झुकाएं, सिर नीचे की तरफ हो। हाथ की एड़ी (पाम के नीचे का हिस्सा) से कंधों के बीच 5 बार जोरदार थपकी दें।
  4. छाती दबाव, अगर दाना बाहर न निकले तो।

विशेष: अगर बच्चा बेहोश हो जाए और सांस न ले रहा हो, तो तुरंत सीपीआर (मुंह से सांस और छाती दबाव) शुरू करें। तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं।