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कोई मां को ढूंढ रहा था, कोई बेटे को… हादसे के बाद स्टेशन से अस्पताल तक हाहाकार, प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों ने सुनाई आपबीती

Bilaspur Train Accident: मंगलवार की शाम लालखदान के पास जब कोरबा मेमू, मालगाड़ी से टकराई, तो क्षणभर में सैकड़ों सपने टूट गए। मुस्कराहट का सफर चीख, आंसू में बदल गया। धुआं और अफरा-तफरी के बीच रेल डिब्बे मलबे में तब्दील हो चुके थे।

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पत्रिका टीम को प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों ने बताई खौफनाक हादसे की कहानी (फोटो सोर्स- पत्रिका)

पत्रिका टीम को प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों ने बताई खौफनाक हादसे की कहानी (फोटो सोर्स- पत्रिका)

Bilaspur Train Accident: कोरबा से बिलासपुर आ रही लोकल ट्रेन के यात्रियों के लिए मंगलवार का दिन कभी न भूलने वाला बन गया। मंगलवार की शाम लालखदान के पास जब कोरबा मेमू, मालगाड़ी से टकराई, तो क्षणभर में सैकड़ों सपने टूट गए। मुस्कराहट का सफर चीख, आंसू में बदल गया। धुआं और अफरा-तफरी के बीच रेल डिब्बे मलबे में तब्दील हो चुके थे। कोई अपने पिता को ढूंढ रहा था तो कोई घायल मां को। पत्रिका टीम को प्रत्यक्षदर्शियों और घायलों ने बताई खौफनाक हादसे की कहानी…

हादसे ने उन परिवारों की दुनिया उलट दी, जो रोजी-रोटी या पढ़ाई की तलाश में निकले थे। तखतपुर निवासी प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हादसे से कुछ मिनट पहले तक सभी यात्री हंसी-मजाक में सफर कर रहे थे। कोई मोबाइल पर बात कर रहा था, कोई गाने सुन रहा था। तभी अचानक ज़ोरदार झटका लगा और फर्श पर गिर पड़े। जब बोगी से बाहर झांका तो सामने दिल दहला देने वाला मंजर था।

लोकल ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ा हुआ था। आगे के डिब्बों में कुछ यात्री मलबे में दबे हुए थे, तो कुछ के शरीर के टुकड़े बिखरे पड़े थे। जो लोग घायल अवस्था में थे, उन्हें निकालने में यात्रियों ने खुद मदद शुरू की। हादसे के तुरंत बाद अफरा-तफरी मच गई। चीख-पुकार और घायलों की कराह सुनकर सभी सहम गए। जो बच गए थे वे सहमे हुए थे। उनकी आंखों में आंसू थे। मंगलवार शाम करीब 4 बजे लालखदान के पास यह टक्कर उस वक्त हुई जब लोकल ट्रेन उसी ट्रैक पर चल रही मालगाड़ी को पीछे से जा टकराई।

स्टेशन, अस्पताल में ढूंढा, मां नहीं मिली…

सिम्स में अंजनी वस्त्रकार अपनी मां प्रमिला वस्त्रकार को तलाशती बदहवास घूम रही थीं। रोते हुए बोली- मां जयराम नगर से बिलासपुर आने ट्रेन में बैठी थी। हादसे की खबर सुनी तो स्टेशन, रेलवे हॉस्पिटल, सिम्स-हर जगह तलाशा। अब तक कोई सुराग नहीं मिला। समझ नहीं आ रहा कहां जाऊं।

कोरबा से 95 यात्री हुए थे सवार

कोरबा से यह लोकल 95 यात्रियों को लेकर रवाना हुई थी। इसमें गेवरा रोड स्टेशन से 35 और कोरबा रेलवे स्टेशन से 60 यात्री सवार हुए थे। यह ट्रेन कोरबा से मंगलवार दोपहर 1.44 बजे रवाना हुई थी। ट्रेन हादसे की जानकारी देते हुए कोरबा के सीआई (कमर्शियल इंस्पेक्टर) मणिकृत भुजाल ने बताया कि हेल्प लाइन नंबर 7869953330 जारी किया गया है हालांकि वे यह नहीं बता सके कि इस ट्रेन में कोरबा से यात्रा करने वाले कितने यात्री घायल हैं?

रायगढ़ स्टेशन पर घंटों खड़ी रही दुरंतो-हीराकुंड एक्सप्रेस

रायगढ़ रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 3 पर हीराकुंड एक्सप्रेस तो दो नंबर प्लेटफार्म पर दुरंतो एक्सप्रेस घंटों खड़ी रही। इससे यात्रियों को परेशान होना पड़ा। रात करीब साढ़े सात बजे तक पूछताछ काउंटर में यात्री कभी ट्रेन छूटने का समय पूछते थे कभी ट्रेन को खड़ी किए जाने का कारण पूछते रहे। साढ़े सात बजे के बाद रेलवे ने दुरंतो तो 11 बजे रात को रवाना किए जाने की घोषणा की। हालांकि इसमें समय में बदलाव किए जाने की भी संभावना जताई जा रही है।

डिब्बे का ऊपरी हिस्सा हमारे ऊपर गिरने लगा, मैंने कूदकर बचाई जान: शत्रुघ्न

सिम्स में भर्ती परसदा निवासी शत्रुघ्न भास्कर, मथुरा बाई और छहुरा भास्कर एक ही परिवार से हैं। घायल शत्रुघ्न ने बताया- हम रोजी-रोटी के लिए बिलासपुर आकर पुणे जाने वाले थे। लालखदान पहुंचते ही जोरदार आवाज आई, लगा पूरी ट्रेन हिल गई। डिब्बे के टुकड़े हमारे ऊपर गिरे। एक पल को लगा अब सब खत्म हो गया।

मेरा पैर पहले से पोलियोग्रस्त है, उठ भी नहीं पा रहा था। लोगों ने खींचकर बाहर निकाला। सत्येंद्र गेट पर खड़ा था। उसने बताया- जैसे ही जोरदार झटका लगा, समझ गया कि हादसा हुआ है। मैंने फौरन कूदकर जान बचाई। हाथ-पैर छिल गए, पर खुद को संभाल कर परिजनों को बचाने लौटा। ट्रेन के डिब्बे कबाड़ में तब्दील थे। भगवान की कृपा है कि हम बच गए।

ट्रेनों की जानकारी नहीं मिलने से यात्री परेशान

हादसे के बाद बिलासपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्मों पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। यात्रियों को कौन सी ट्रेन कब और कितनी देर से चल रही है, इसकी जानकारी नहीं मिल रही थी। इसी बीच रायपुर जाने वाली लोकल ट्रेन का इंतज़ार कर रहे यात्री प्लेटफार्म नंबर 6 पर खड़े थे, तभी उन्हें जानकारी मिली कि ट्रेन तो प्लेटफार्म नंबर 1 पर खड़ी है। सूचना मिलते ही यात्री सामान लेकर भागने लगे। कई लोग गिरते-पड़ते ट्रेन की ओर दौड़ पड़े। स्थिति संभालने रेलवे कर्मियों को मौके पर तैनात किया गया।

अपडाउन करने वाली छात्रा महविश आईसीयू में भर्ती

जांजगीर निवासी महविश परवीन, बीएससी की छात्रा हैं, रोजाना अपडाउन करती थीं। हादसे में उनके पैर में गंभीर चोट आई है। उनके चाचा ने बताया- वह जांजगीर से बिलासपुर आ रही थी, लेकिन इस हादसे ने सब कुछ बदल दिया। अब सिम्स के आईसीयू में भर्ती है, होश में है, यही तसल्ली है।

मलबे के बीच घायल मिली बहन, पैर में चोट

जांजगीर कोर्ट से लौट रहीं वकील गीता देवनाथ भी हादसे में घायल हुईं। उनके भाई पार्थो देवनाथ ने बताया- जब मौके पर पहुंचा तो ट्रेन का आगे का हिस्सा मालगाड़ी पर चढ़ा था। बहन मलबे के बीच घायल पड़ी थी। सांसें चलती दिखीं तो राहत मिली। उनके पैर में गंभीर चोट आई है।

आज डीआरएम कार्यालय में मिलेगी पीड़ितों की जानकारी

रेलवे प्रशासन ने बताया कि प्रभावित यात्रियों से जुड़ी सभी जानकारी एकत्र की जा रही है। परिजन 5 नवंबर को बिलासपुर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) कार्यालय में संपर्क कर जानकारी ले सकते हैं।

सिम्स में फिलहाल ट्रेन हादसे में 5 घायल भर्ती हैं। स्थिति अनुसार उन्हें ट्रायज वार्ड, सर्जिकल वार्ड एवं आईसीयू में भर्ती कर बेहतर इलाज किया जा रहा है। एक महिला की हालत गंभीर है, बाकियों की स्थिर है। अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह मुस्तैद है। आगे भी कोई घायल आता है तो उसका बेहतर इलाज किया जाएगा। - डॉ. रमणेश मूर्ति, डीन, सिम्स।


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