
गोठान में भूख-प्यास से आधा दर्जन गायों की मौत (फोटो सोर्स- पत्रिका)
CG News: सड़क पर वाहनों की चपेट में आने से तो मवेशियों की मौत हो ही रही थी लेकिन अब तो नगर निगम के मोपका गोठान में भी भूख-प्यास से गायों की मौत हो रही है। बीते सप्ताहभर में मोपका स्थित निगम के गोठान में आधा दर्जन से अधिक गायों ने दम तोड़ दिया।
मृत गायों के शवों को आनन-फानन में ऑटो बुलवाकर डाले में भरकर हटवाते हुए वीडियो भी वायरल हो रही है। वहीं, उसी समय एक मवेशी शेड के भीतर तड़पते हुए पड़ा रहा लेकिन न तो उसे देखने वाला कोई था और न ही इलाज की व्यवस्था। गोठान में लगातार हो रही गायों की मौत, चारा-पानी की कमी और इलाज के अभाव ने निगम की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर में रोजाना सड़कों पर झुंड में घूमते मवेशी न सिर्फ दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं, बल्कि गोठान के भीतर भी बदहाली की स्थिति से अब यहां मवेशी दम तोड़ने लगे हैं।
गोठान का हाल ऐसा है कि यहां करीब 40-50 गायों के लिए न तो पर्याप्त चारा है और न पानी। यहां के चौकीदार ने एक कमरे में बोरी में पड़े मात्र 2-3 किलो दाने दिखाए और कहा कि खत्म हो गया, लाने को बोलेंगे। मोपका गोठान में सफाई की भी व्यवस्था नहीं है। यहां मवेशी खुले में तड़पते भी दिखाई दे रहे हैं। यहां के चौकीदार का खुद कहना है कि हर एक-दो दिन में यहां मवेशियों की मौत हो रही है।
गोठान में मवेशी छुड़ाने पहुंचे कुछ युवकों ने बताया कि गाय छुड़ाने के नाम पर उनसे 800 रुपए वसूले गए, लेकिन स्टाफ ने और पैसों की मांग की। यहां तक कि एक दिन का 150 रुपए चार्ज भी लिया जा रहा है। सवाल यह है कि जब निगम इन मवेशियों को गोठान में रख रहा है तो गाय मालिकों से जबरन वसूली क्यों की जा रही है, इसके साथ ही रसीद भी नहीं दी जा रही।
दो-तीन दिन पहले गाय की मौत गोठान में हुई थी। पशु चिकित्सक से पोस्टमार्टम कराया गया है। यहां के 50 बैल को आदिवासी क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को देने का निर्णय लिया गया है ताकि उनका उपयोग करने के साथ ही देखरेख हो सके। - अमित कुमार, आयुक्त नगर निगम, बिलासपुर।
Published on:
24 Sept 2025 11:23 am
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