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CG Election 2023: बागियों को टाइट कर गए सीएम, मान-मनौव्वल के बाद दबे मन से ही सही प्रचार में जुटे नेताजी

CG Election News: विधानसभा चुनाव के लिए टिकट जारी होते ही, संबंधित क्षेत्र के लिए उम्मीदवारी का दावा ठोंकने वाले कांग्रेस नेताओं ने बगावत शुरू कर दी।

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CG Election 2023: बागियों को टाइट कर गए सीएम, मान-मनौव्वल के बाद दबे मन से ही सही प्रचार में जुटे नेताजी

CG Election 2023: बागियों को टाइट कर गए सीएम, मान-मनौव्वल के बाद दबे मन से ही सही प्रचार में जुटे नेताजी

CG Election News: विधानसभा चुनाव के लिए टिकट जारी होते ही, संबंधित क्षेत्र के लिए उम्मीदवारी का दावा ठोंकने वाले कांग्रेस नेताओं ने बगावत शुरू कर दी। पार्टी से निकाले जाने के भय से कुछ तो दबी जुबान में टिकट वितरण को पक्षपात बताने लगे, तो कुछ सामने आकर ऐलाने जंग शुरू कर दिया। इनमें से कुछ ने तो दूसरी पार्टी जॉइन कर ली तो कुछ बिना पार्टी की सहमति नामांकन फार्म खरीदा और दाखिल भी कर दिया। इन्हीं में से एक बिलासपुर के महापौर हैं, जिनका नामांकन बी-फार्म न मिलने से रद्द कर दिया गया।

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कांग्रेस के एक और नेता ठंडे पड़ गए

कांग्रेस के एक अन्य नेता टिकट को लेकर आशान्वित थे। इसके लिए कई मर्तबा फेक शक्ति प्रदर्शन भी किया था। जब सूची जारी हुई तो इनके पैरों तले से भी जैसे जमीन खिसक गई, समर्थकों के नाम पर बगावत शुरू कर दिया। सीएम के आने के बाद वो भी ठंडे पड़ गए हैं, लेकिन भीतरघात से बाज आएंगे ये कहना मुश्किल है।

बेलतरा सीट मिलने की आस में तो इन्होंने वहां अपना प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया था, पर जब प्रत्याशियों की सूची जारी हुई तो नाम न होने पर निराशा हाथ लगी।

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तैश में आकर इन्होंने बेलतरा ही नहीं, बिलासपुर विधानसभा सीट के नाम से भी नामांकन फार्म ले लिया। इससे पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता एकबारगी हैरान तो हुए, पर ये सोचा कि नाराजगी में उन्होंने फार्म ले लिया होगा। अब फार्म लेने से तो किसी को रोका तो नहीं जा सकता न...। लेकिन जब उन्होंने बेलतरा सीट से अपना नामांकन फार्म दाखिल कर दिया तब सभी सकते में आ गए। पार्टी के निचले लेबल से ऊपर तक बात आग की तरह फैल गई। मान-मनौव्वल का क्रम शुरू हुआ। साथ ही उनके साथ अन्य अदृष्य बागियों को निलंबन के डोज की घूंटी भी पिलाई जाती रही।

अंतत: वो समय आ ही गया जब कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व सीएम भूपेश बघेल से सोमवार को नामांकन रैली व सभा में उनका आमना-सामना हो गया। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार टिकट न मिलने से नाराज अदृश्य व जाहिर सभी तरह के बागियों को सीएम ने स्वयं टाइट किया है। यही वजह थी कि कांग्रेस के कार्यक्रमों से दूरी बनाने वाले कांग्रेस नेता भी प्रियंका व भूपेश की सभा में पहुंचे। इन्हें देख नजारा ऐसा बन पड़ा था, मानों कारवां चलता रहा...गुबार देखते रहे...।

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पार्टी की सफाई- नामांकन फार्म लेने व उसे दाखिल करने से कुछ नहीं होता, नाम वापसी तक बागी नहीं कहलाएंगे...


बागियों के रवैये, सीएम की घुड़की व मान-मनौवल के प्रश्र पर पार्टी के पदाधिकारियों का अभी भी यही कहना है कि अपनी मनमर्जी से नामांकन फार्म लेने व उसे दाखिल करने से पार्टी किसी को नहीं रोक सकती। हां-उसकी नाम वापसी न हुई, तब उसे बागी के कटघरे में खड़ा कर निलंबन की कार्रवाई की जाती है। उधर बागियों को सीएम द्वारा मिली कड़वी घूंटी से सभी ने अपनी-अपनी तलवारें म्यान में रख ली है। सभी चुनाव प्रचार में दबे मन से जुट गए हैं।