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हरित पट्टी पर भू-माफियाओं का कब्जा: सागौन के पेड़ धड़ल्ले से कटे, अफसरों की खामोशी पर उठे सवाल

Bilaspur News: सकरी नगर निगम क्षेत्र में वन चेतना केन्द्र के पीछे 2004-05 में 128 एकड़ शासकीय भूमि पर सागौन समेत इमारती पौधों का रोपण हुआ था।

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हरित पट्टी पर संकट (फोटो सोर्स- pexels)

हरित पट्टी पर संकट (फोटो सोर्स- pexels)

CG News: बिलासपुर सकरी नगर निगम क्षेत्र में वन चेतना केन्द्र के पीछे 2004-05 में 128 एकड़ शासकीय भूमि पर सागौन समेत इमारती पौधों का रोपण हुआ था। आज यह हरित पट्टी भू-माफिया और लकड़ी तस्करों का चारागाह बन गई है। प्लॉटिंग के लिए बीच से सड़क निकाली जा रही है और सागौन के पेड़ों को धड़ल्ले से काटा जा रहा है।

यहां वन विभाग ने वर्ष 2004 - 05 में सागौन एवं अन्य इमारती पौधों का रोपण किया गया था, तब सकरी ग्राम पंचायत था। इस प्लांटेशन के आसपास स्थित कृषि भूमि पर लोग खेती करते थे लेकिन अब सकरी नगर निगम में शामिल होने से जमीन की कीमतें आसमान छू रही हैं। इसके चलते इन खेतों में प्लॉटिंग की तैयारी की जा रही है। अपने प्लॉट तक पहुंचने के लिए भू माफिया प्लांटेशन के बीचों बीच मुरुम डालकर सड़क निकाल रहे हैं। इस बीच पड़ने वाले सागौन के पेड़ों को काटकर हटाया जा रहा है।

मामले में दिसंबर 2023 में अवैध कटाई की शिकायत के बाद जांच दल तो बना, लेकिन मामला नगर निगम को सौंपकर विभाग हाथ खड़े कर चुके हैं। न वन विभाग, न राजस्व और न ही निगम ने अब तक कोई ठोस कदम उठाया। तीनों विभागों की यह खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है।

रेंजर की जांच बनी औपचारिकता

डीएफओ के निर्देश पर जब रेंजर ने जांच कराई तो महज एक घंटे में कुछ ही पेड़ कटे बताकर मामला निपटा दिया गया। जबकि मौके पर सैकड़ों ठूंठ अब भी मौजूद हैं। सवाल यह है कि वन चेतना केन्द्र के दतर से कुछ ही दूरी पर पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही थी और अधिकारियों को भनक तक न लगी।

वन विभाग कह रहा है कि यह राजस्व भूमि है, जिमेदारी राजस्व विभाग की है। तहसीलदार का कहना है कि यह क्षेत्र नगर निगम में आता है, कार्रवाई निगम करेगा। ऐसे में समन्वय की कमी का सीधा फायदा भू माफिया उठा रहे हैं। स्थानीय पर्यावरण प्रेमी राहुल श्रीवास और अमर गुप्ता का कहना है कि करोड़ों की लागत से लगाए गए वृक्ष विभागीय उदासीनता की वजह से तस्करों के हत्थे चढ़ रहे हैं। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो वे उच्च न्यायालय की शरण लेंगे।

अफसर बोले…

डीएफओ के आदेश पर अभिषेक पाटनवार को जांच के लिए भेजा था, जहां पूर्व में मुरुम की सड़क बनाने के लिए सागौन के वृक्ष काटने की पुष्टि हुई है। वर्तमान में भी दो चार वृक्ष काटे गए हैं। बाकी सूखे वृक्षों को काटा गया है। चूंकि यह राजस्व भूमि है, इसलिए कार्रवाई भी वही करेंगे। - अनिमेष सिंह, रेंजर तखतपुर वन परिक्षेत्र।

इस मामले की जानकारी मिली है। सकरी तहसीलदार को जांच के लिए निर्देशित किया गया है। - नितिन तिवारी, एसडीएम तखतपुर

पूर्व की जांच रिपोर्ट कार्रवाई के लिए हमारे कार्यालय को प्राप्त हुई है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है। इसे दिखवाती हूं। - रंजना अग्रवाल, जोन कमिश्नर सकरी