
सैयारा vs आशिकी (फोटो सोर्स: X)
Saiyaara vs Aashiqui: अगर आपने फिल्म 'सैयारा' देखकर प्यार की गहराई महसूस की है, तो 90 के दशक की एक और फिल्म है जो आपको प्यार का असली मतलब समझाएगी 'आशिकी', जहां 'सैयारा' प्यार में डूबे दिलों की तड़प को दिखाती है। तो वहीं 'आशिकी' प्यार के नए आयामों को छूती है।
बता दें कि जैसे 'सैयारा' के गाने प्यार, विश्वास और सैक्रिफाइज की कहानी कहते हैं, वैसे ही 'आशिकी' के गानों ने भी रातों-रात धूम मचा दी थी और सिंगर्स को स्टार बना दिया था। फिल्म 'आशिकी' 1990 में रिलीज हुई थी और इसने राहुल रॉय और अनु अग्रवाल जैसे नए चेहरों को रातों-रात सुपरस्टार बना दिया। महेश भट्ट के निर्देशन और नदीम-श्रवण के गानों ने फिल्म को अमर बना दिया।
इस फिल्म में कुमार सानु, उदित नारायण और अनुराधा पौडवाल की आवाज ने 'आशिकी' के गानों में जान डाल दी थी। 'अब तेरे बिन', 'नजर के सामने', 'जाने जिगर जानेमन', 'मैं दुनिया भुला दूंगा', 'बस एक सनम चाहिए' और 'धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना' जैसे गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। दरअसल, फिल्म 'आशिकी' के गानों का जादू ऐसा था कि टी-सीरीज को एक करोड़ कैसेट बिकने के बाद गिनती छोड़नी पड़ी थी।
'आशिकी' के गानों की तरह, 'सैयारा' भी प्यार में चाहत, विश्वास और त्याग की भावना को खूबसूरती से दिखाती है। ये बताती है कि प्यार सिर्फ शारीरिक आकर्षण नहीं है, बल्कि दो आत्माओं का गहरा बंधन है, जो हर मुश्किल को पार कर जाता है। तो अगर आप प्यार की गहराई और उसके अलग-अलग पहलुओं को समझना चाहते हैं, तो 'सैयारा' के साथ-साथ 'आशिकी' को भी जरूर देखें। ये फिल्में आपको प्यार के बारे में एक नया नजरिया देंगी, और आपको एहसास होगा कि सच्चा प्यार क्या होता है।
बता दें कि 'आशिकी' और 'सैयारा' में प्यार को एक जुनून, एक दीवानापन और एक दूसरे के लिए जान देने की हद तक चाहत के रूप में दिखाया गया है। यहां प्यार पहली नजर में हो जाता है और 2 लोग एक दूसरे के बिना जीने की सोच भी नहीं सकते। यही शायद एक सच्चा प्यार है।
Updated on:
15 Sept 2025 04:25 pm
Published on:
15 Sept 2025 02:55 pm
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