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पत्नी समेत बच्चों को उतार दिया था मौत के घाट, फिर की खुदकुशी, जाने कौन था वो ‘सेलिब्रिटी’

Filmmaker Brijmohan Sadanah: आज एक ऐसे फिल्ममेकर की जिंदगी की कहानी से पर्दा उठाएंगे जिसने अपनी पत्नी और बेटी की ले ली थी जान। इस निर्माता ने 1960 के दशक से लेकर 1980 के दशक के बीच कई बड़ी फिल्में दीं थीं, जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था।

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मुंबई

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Rashi Sharma

Sep 09, 2025

Filmmaker Brij Sadanah

फिल्ममेकर बृजमोहन सदाना। (फोटो सोर्स: X)

Filmmaker Brijmohan Sadanah: बॉलीवुड एक ऐसी जगह है जहां कहानियां सिर्फ पर्दे पर ही नहीं होती बल्कि असल जिंदगी में भी होती हैं। इन कहानियों से कभी पर्दा उठ जाता है तो कभी पर्दा उठने में सालों लग जाते हैं। आज एक ऐसे फिल्ममेकर की जिंदगी की कहानी से पर्दा उठाएंगे जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। ये कहानी है निर्माता और निर्देशक बृजमोहन सदाना की, जो बृज नाम से मशहूर थे।

बृज सदाना ने 1960 से 1980 के दशक तक दी कई बड़ी फिल्में

बृज सदाना ने 1960 के दशक से लेकर 1980 के दशक के बीच ‘उस्तादों के उस्ताद’, ‘ये रात फिर ना आएगी’, ‘दो भाई’ और ‘विक्टोरिया नंबर 203’ जैसी फिल्में शामिल दीं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया।

Brijmohan Sadanah फिल्मों की कहानियों पर तो काम कर ही रहे थे उनकी असल जिंदगी की कहानी भी साथ-साथ चल रही थी जिसका अंत बहुत दुखद था। बृज को सईदा नाम की लड़की से प्यार हुआ जो एक एक्ट्रेस थीं। उनसे उनके दो बच्चे हुए, बेटी नम्रता सदाना और बेटा कमल सदाना। मगर खुशियों के लिए इतना काफी नहीं था और खुशी उनके परिवार से कोसों दूर रही। बृज और उनकी पत्नी सईदा, जिनका शादी के बाद सुधा नाम हो गया था उनसे अक्सर झगड़ा होता रहता था। उनकी बेटी नम्रता ने इस झगड़े को ‘Annual Fight’ नाम दिया था।

पत्नी सुधा सदाना से होने लगीं थी लड़ाइयां

बढ़ते झगड़ों के चलते सुधा सदाना, बृज सदाना के बंगले जल महल को छोड़कर अपने बच्चों के साथ कार्टर रोड वाले बंगले में रहने लगीं। बृज नशे में धुत वहां पहुंचे तो गार्ड ने उन्हें अंदर जाने से मना किया। 60 और 70 के दशक का वो दौर बृज के करियर के लिए कुछ खास साबित नहीं हो रहा था उनकी 'मगरूर', 'बॉम्बे 405 माइल्स' और 'ऊंचे लोग' जैसी फिल्में फ्लॉप हो रही थीं। तभी गुस्से में आकर बृज ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से गोलियां चला दीं। सईदा की दोस्त और सुनील दत्त की पत्नी नरगिस दत्त ने बृज की बंदूक को जब्त करवा लिया। मगर 80 के दशक में, जब देश पंजाब में विद्रोह से जूझ रहा था और खालिस्तानी आतंकवादियों से धमकी भरे कॉल आ रहे थे, तब बृज को उनकी बंदूक वापस मिल गई।

फिर आई वो काली रात

बांद्रा के 28वें रोड पर स्थित उनके विशाल बगीचे वाले बंगले, जल कमल में भी माहौल कुछ खास अच्छा नहीं था। दंपत्ति के बीच झगड़े, खासकर किसी तीसरे व्यक्ति को लेकर, आम थे और समय के साथ और भी बदतर होते जा रहे थे। इसके अलावा, उनकी बेटी नम्रता किसी दूसरे धर्म के लड़के से प्यार करती थीं, जो बृज सदाना को मंजूर नहीं था। इन सब वजहों से परेशान बृज सदाना ने अपने बेटे कमल सदाना के 20वें जन्मदिन पर अपनी पत्नी सईदा से खूब लड़ाई की। इसके बाद, अपनी बेटी नम्रता और पत्नी सईदा को गोली मार दी। कमल जैसे ही दौड़कर आया उसने उस पर बंदूक तानी गोली कमल की गर्द से छूकर निकल गई। बृज अपने कमरे में लौट आये।

कमल के दोस्त उसे अस्पताल ले गए जहां सर्जरी के बाद कमल की जान तो बच गई लेकिन उसकी मां और बहन की जान नहीं बच पाई। इसी बीच, बृज सदाना ने अपने बंगले जल महल में खुद को गोली मारकर सुसाइड कर ली। आपको बता दें, इस घटना के कुछ साल बाद, कमल सदाना ने काजोल के साथ फिल्मों में शुरुआत की, लेकिन कुछ फिल्मों में काम करने के बाद भी उनको सफलता नहीं मिली तो उन्होंने भी एक्टिंग छोड़ दी।

आपको बता दें, बृज सदाना की ज्यादातर फिल्में रोमांटिक थ्रिलर थीं, लेकिन उनकी रियल लाइफ किसी थ्रिलर फिल्म से ज्यादा खतरनाक थी।