‘कंगना के साथ गलत हुआ’
कंगना के वकील बिरेन्द्र सराफ ने कोर्ट को बताया कि उनके क्लाइंट के साथ गलत हुआ है। उन्होंने कंगना के कार्यालय में बीएमसी की ओर से की गई तोड़फोड़ की तस्वीरें भी दिखाई। इस पर जस्टिस कथावाला ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं जब कोर्ट ने बीएमसी को किसी जगह को तोड़ने के लिए कहा, लेकिन कॉरपोरेशन ने नहीं तोड़ा। जिस तरह की तेजी इस केस में दिखाई गई है, अगर ऐसी तेजी अन्य मामलों में भी दिखाई जाए, तो ये शहर रहने के मामले में और बेहतर हो जाएगा।
कोर्ट ने मांगी इंटरव्यू की सीडी
सराफ ने कोर्ट को जानकारी दी कि अभी तक उनको शिवसेना सांसद संजय राउत और बीएमसी के अधिकारी की याचिका को देखने का अवसर नहीं मिला है। इसलिए उन्हें उनका जवाब देने के कोर्ट से समय मांगा। इस पर जस्टिस कथावाला ने वकील से कहा कि बीएमसी की फाइल्स अभी तक नहीं आई हैं। साथ ही बताया कि उनके पास अभी तक फोन भी नहीं भिजवाए गए हैं। सराफ से उनके न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू की सीडी देने को भी कहा गया है।
नॉटी का मतलब क्या होता है— जस्टिस कथावाला
कोर्ट के सराफ से इंटरव्यू सीडी मांगने के जवाब में कहा गया कि वे इस जल्द उपलब्ध करवा देंगे। सराफ ने बताया कि इस सीडी में राउतम के ‘हरामखोर’ शब्द का मतलब भी बताया गया है। इस पर जस्टिस कथावाला ने कहा कि इसके लिए हमारे पास डिक्शनरी है। जब सराफ ने कहा कि राउत के मुताबिक ‘हरामखोर’ का मतलब नॉटी होता है, तो जस्टिस ने हैरानी जताते हुए पूछा कि तो फिर नॉटी का मतलब क्या होता है? सुनवाई के दौरान वह क्लिप भी चलाई गई जिसमें संजय राउत ने कंगना के बारे में ‘हरामखोर’ शब्द का उपयोग किया था।
‘तोड़फोड़ की एंट्री क्यों नहीं’
जस्टिस कथावाला ने बीएमसी से पूछा कि जब आप तोड़फोड़ कर रहे थे, तो क्या उस दौरान बिल्डिंग में कोई प्लास्टर का या अन्य कोई काम चल रहा था? अगर आपने 8 सितंबर को तोड़फोड़ की, तो उसके साक्ष्य के रूप में आपके पास कोई फोटो क्यों नहीं है? 8 सितंबर को तोड़फोड़ की गई, ये दिखाने के लिए भी आपके सिस्टम में कोई एंट्री नहीं है। इस पर बीएमसी ने कहा कि कोई एंट्री नहीं है।