
mard ko dard nahi hota
निर्देशक वासन बाला की फिल्म 'मर्द को दर्द नहीं होता' को हाल ही में आयोजन हुए 43वें टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रतिष्ठित 'ग्रोल्स्क पीपुल्स च्वाईस मिडनाइट मैडनेस' पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मूल रूप से तमिलनाडु के कुम्बाकोनम निवासी श्री बाला ने कहा कि एक स्वतंत्र फिल्म निर्माता के लिए यह बहुत बड़ा सम्मान है। इस फिल्म ने डेविड गॉर्डन की 'ग्रीन्स हैलोवीन' और सैम लेविन्सन की 'असासिनेशन नेशन' को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया और इन दोनों फिल्म ने दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।
फिल्म को मिडनाइट मैडनेस में प्रदर्शित किया गया
इस वर्ष टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने वाली भारतीय फिल्मों में 'द स्वीट रेकीम' आनंद पटवर्धन की फिल्म 'विवेक'(रिजन) वासन बाला की 'मर्द को दर्द नहीं होता' थी। गौरतलब है कि निर्देशक वासन बाला की फिल्म 'मर्द को दर्द नहीं होता' को टोरंटो फिल्म फेस्टिवल के मिडनाइट मैडनेस वर्ग में प्रदर्शित किया गया। इसमें फिल्म 'मनमर्जियां रिमा दास की 'बुलबुल' प्रमुख रही। लंदन में रहने वाली भारतीय निर्देशक संध्या सूरी को फिल्म 'द फिल्ड' के लिए सर्वश्रेष्ठ लघु फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। एक महिला के खेती बाड़ी पर आधारित इस फिल्म की शूटिंग भारत में हुई थी।
बाला ने कहा,
राधिका मदान और अंकुर नय्यर के साथ पुरस्कार को स्वीकार करते हुए बाला ने कहा, 'आखिरी बार जब मैं चौथी कक्षा में था, तब मुझे मंच पर बुलाया गया था। यह आर्ट और क्राफ्ट थ...मैंने कार्डबोर्ड काटा और उन्हें एक साथ चिपकाया... इसी प्रकार महसूस कर रहा हूं ... मुझे लगता है कि यह एक समान कहानी है। इसके लिए टीआईएफएफ का धन्यवाद।'
Published on:
17 Sept 2018 03:48 pm
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