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निमंत्रण पत्रों पर लिखनी होगी वर-वधु की जन्मतिथि…जागरूकता भरे स्लोगन

बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला मजिस्टे्रट ने जारी किए दिशा-निर्देश

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Bride's Birthday on the Wedding Card

बूंदी. जिले के विभिन्न अंचलों में अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा व अन्य अवसरों पर बाल विवाह के आयोजन की आशंका के मद्देनजर जिला मजिस्टे्रट एवं जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार ने प्रिटिंग पे्रस मुद्रकों, दुकानदारों, टेंट व्यवासायी,लाइट डेकारेशन व्यसायियों तथा विवाह स्थल मालिकों के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

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जिला मजिस्टे्रट की ओर से जारी निर्देशों में बताया कि विवाह निमंत्रण पत्र मुद्रण करने वाले सभी प्रिंटिंग प्रेस एवं दुकानदारों को उनके द्वारा मुद्रित किए जाने वाले विवाह के निमंत्रण पत्रों के संबंध में वर-वधु का आयु संबंधी प्रमाण पत्र लेकर जन्मतिथि अथवा आयु का अंकन निमंत्रण पत्र पर करना होगा। इसके अलावा निमंत्रण पत्र पर ‘बाल विवाह अपराध है एवं विवाह के लिए लडक़ी की आयु 18 वर्ष तथा लडक़े की आयु 21 वर्ष अनिवार्य है’ का उपयुक्तस्थान पर अंकन भी करना होगा। टेंट एवं लाइट डेकोरेशन व्यवसायियों, विवाह स्थल के मालिक को इस आशय की सूचना अपने कार्यस्थल पर प्रदर्शित करनी होगी।

नियंत्रण कक्ष स्थापित

अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा पर समाज में प्रचलित बाल विवाह की कुरीति की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना कर दी गई। यह नियंत्रण कक्ष कलक्ट्रेट के संजीवनी प्रकोष्ठ कक्ष संख्या 6 -बी में स्थापित किया है। नियंत्रण कक्ष का दूरभाष नम्बर 747-244748 0 रहेगा। नियंत्रण कक्ष का प्रभारी जिला सांख्यिकी कार्यालय के सहायक निदेशक अख्तर हुसैन को बनाया है।


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विवाह के लिए छपाए जाने वाले आमंत्रण पत्र में लड़का व लड़की के नाम के साथ उनकी जन्म तिथि का उल्लेख करने की शर्त रखी गई है। आला अफसरों का तो यहां तक कहना है कि इससे निश्चित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह प्रथा पर रोक लगेगी ।

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बारात के दौरान बैंड बाजा के अलावा धुमाल व डीजे की परंपरा चली आ रही है। आमतौर पर इनको बुक करते वक्त तारीख बता दी जाती है और एडवांस दे दिया जाता है। तय तिथि में ये बताई गई जगह पर पहुंच जाते हैं। अब ऐसा नहीं होगा। बुकिंग कराते वक्त आमंत्रण पत्र छोड़ना होगा ।