महाशिवरात्रि पर भोले के दरबार से उठी अनाथ बेटी की डोली पूरा शहर बना घराती
चेंपा को प्राणी विज्ञान की भाषा में एफिड्स कहा जाता है। यह कीट झाडिय़ों, फसलों मूली के पत्तों, फलियों पर चिपके रहते है। तापमान बढऩे के साथ ही ये सक्रिय हो जाते है और हवा में उडऩे लगते है। 27 से 33 डिग्री तापमान इनके लिए अनुकूल होता है इनका जीवनकाल दस दिन का होता है। ये जिस रंग के पोधो पर बैठते है, उसी के रंग में परिवर्तित होने का गुण भी रखते है। इनका मूल रंग गहरा हरा होता है।
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मच्छर को समाप्त करने के लिए होली जलाई जाती है, चौकिंए नही भारतीय त्यौहार वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अद्भुत रूप से जुड़े हुए है। इनमें दिपावली में भी दीपक इसलिए जलाया जाता है। यह ऋतु परिवर्तन का समय माना जा रहा है। होली की आग में लुबान,घी सहित कई जड़ीबुटिया डाली जाती है ताकि इसकी खुशबू से मच्छर जल जाए।