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राजस्थान में देर रात भीषण हादसा: तेज रफ्तार कार मेज नदी में गिरी, इसी जगह पर 24 लोगों की हो चुकी है मौत

हादसे के तुरंत बाद आसपास के कुछ युवाओं ने नदी में कूदकर कार का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन बहाव और गहराई अधिक होने से उन्हें भी कुछ नजर नहीं आया। इसी जगह पर नदी में बस गिरने से साल 2020 में 24 लोगों की मौत हो गई थी।

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बूंदी

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Kamal Mishra

Sep 17, 2025

bundi accident

मेज नदी में गिरी तेज रफ्तार कार (फोटो-पत्रिका)

बूंदी। कोटा-लालसोट मेगा स्टेट हाइवे पर बुधवार शाम को तेज गति से आ रही कार लाखेरी स्थित मेज नदी की पुलिया के पिलर को तोड़ती हुई बीस फीट गहरे पानी में समा गई। आसपास मौजूद लोगों की सूचना पर प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। सिविल डिफेंस के जवानों व स्थानीय लोगों के सहयोग से नदी में नाव से कार की तलाश शुरू की गई, लेकिन बीस फीट से अधिक पानी और अंधेरा होने के कारण कार का पता नहीं चला।

कार में कितने लोग सवार थे, यह उसके बाहर निकलने के बाद ही पता चलेगा। साल 2020 में इसी पुलिया से नदी में बस गिर जाने से कोटा और बूंदी के 24 लोगों की मौत हो गई थी।

आसपास के लोग नदी में कूदकर की तलाश

पुलिया के समीप पेट्रोल पम्प पर कार्य करने वाले प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि शाम करीब सात बजे लाखेरी से कोटा की तरफ एक कार तेज गति से जा रही थी। पुलिया पर कार अनियंत्रित होकर किनारे लगे पिलर को तोड़ते हुए नदी में समा गई। तेज धमाके की अवाज सुनकर वह दौड़कर मौके पर पहुंचा, लेकिन पानी गहरा और अंधेरा होने से कुछ भी नजर नहीं आया। सूचना मिलने पर आसपास रहने वाले कुछ युवाओं ने नदी में कूदकर कार का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन बहाव और गहराई अधिक होने से उन्हें भी कुछ नजर नहीं आया।

चारों तरफ अंधेरा, पर्याप्त रोशनी नहीं

मौके पर पहुंचे सिविल डिफेंस के कर्मचारियों ने नाव में बैठकर बोलेरो को तलाश करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। हादसे के करीब दो घंटे बाद तक पुलिया और नदी के किनारे घुप अंधेरा रहा। रोशनी की व्यवस्था नहीं होने से तलाशी का कार्य गति नहीं पकड़ पाया। लोग मोबाइल टार्च से रोशनी करते रहे। नदी में नाव में बैठकर मोबाइल की रोशनी से पानी में कार को तलाशते नजर आए। तलाश के लिए कोटा से एसडीआरएफ की टीम बुलाई गई है। बूंदी से पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर रवाना हो गए।

पांच साल से पुलिया अधूरी

साल 2020 में मेज नदी में बस गिरने के बाद यहां उच्च स्तरीय पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ, लेकिन 5 साल बाद भी इसका कार्य पूरा नहीं हो पाया। निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण लोगों को पुरानी पुलिया से आना-जाना पड़ता है, जिस पर रेलिंग नहीं है। यहां पुलिया के दोनों किनारों पर रेलिंग बनी हुई है।

हादसे के बाद लगा जाम

मेज नदी पुलिया से कार गिरने के बाद भीड़ एकत्र हो गई। ऐसे में मेगा स्टेट हाइवे पर आवागमन बंद हो गया। वहीं एक्सप्रेस-वे में अभी लबान से सवाई माधोपुर जिले के कुश्तला तक का मार्ग बंद है। ऐसे में एक्सप्रेस-वे के वाहन भी कुश्तला तक जाने के लिए कोटा लालसोट मार्ग का उपयोग करते हैं। हादसे के बाद यहां लम्बा जाम लग गया।