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भारी बारिश का कहर, मेज नदी के किनारे के गांव बने टापू, रेक्स्यू में जुटे सेना के 115 जवान, 110 की बचाई जान

Flood in Bundi: खेड़ीया मान गांव के बाबूलाल गुर्जर, मोहनलाल व एक महिला भेड़ चराने गए थे, अचानक पानी बढ़ने से बीस घंटे तक टापू में फंसे रहे, जिन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।

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फंसे लोगों को नाव में बैठाकर लाते सेना के जवान। फोटो- पत्रिका

राजस्थान के बूंदी क्षेत्र में हो रही तेज बरसात के चलते मेज नदी के किनारे बसे कई गांव टापू बन गए। यहां पर रविवार को अलसुबह से ही एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें चार नाव से लोगों की मदद में जुट गए।दोपहर बाद यहां 115 जवान नाव लेकर पहुंचे और शाम सात बजे तक 110 जनों को रेस्क्यू किया। फंसे हुए लोगों का पता लगाने के लिए जवानों ने ड्रोन का भी सहारा लिया।

शुक्रिया अदा करते नजर आए

बाढ़ग्रस्त गांवों में फंसे करीब लोगों को जैसे ही नावों में बिठाकर बाहर लाया जाता रहा। नाव से उतरते ही पीड़ित भगवान व प्रशासन का शुक्रिया अदा करते नजर आए। इन लोगों ने बताया कि कुछ नहीं बचा। मकान ढह गए और सामान बह गया।

बीस घंटे तक फंसे रहे चरवाहे

खेड़ीया मान गांव के बाबूलाल गुर्जर, मोहनलाल व एक महिला भेड़ चराने गए थे, अचानक पानी बढ़ने से बीस घंटे तक टापू में फंसे रहे, जिन्हें रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया।

सेना ने सम्भाला मोर्चा

यहां पर सेना करीब 115 जवान लोगों को निकालने में जुटे रहे। वहीं ड्रोन से बाढ़ग्रस्त इलाकों पर नजर रखते नजर आए, साथ ही रेस्क्यू किए गए लोगों को सेना की मेडिकल टीम स्वास्थ्य जांच कर दवा भी दी गई। रात को रेस्क्यू जारी रखने के जनरेटर व लाइट की व्यवस्था की गई।

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बारिश ने उखाड़ा स्टेट हाईवे, आवागमन बंद

वहीं इंद्रगढ़ क्षेत्र के बाबई में कोटा दौसा मेगा हाईवे की सड़क व बाबई पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हो गया। सड़क के दोनों और वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। वहीं रात्रि को भी पुलिस जवान पुलिया पर तैनात रहते हैं। बाबई पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल दिलराज के साथ पुलिस मित्र जितेंद्र व रिंकू मीणा भी माैके पर पहुंचे। इंद्रगढ़ सुमेरगंज मंडी रोड पर स्थित सड़क भी क्षतिग्रस्त हो गई।