
unique startup idea: अपनी खासियत से अलग पहचान बना चुके बुरहानपुर के केला से तैयार प्रोडक्ट्स युवाओं के कॅरियर के लिए नई राह खोल रहे हैं। हाल ही में यहां आयोजित बनाना फेस्टिवल में बनाना प्रोडक्ट का यूनिक इनोवेशन और स्टार्ट अप देखने को मिला...। होम डेकोरेशन हो, बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हेल्थ हो या फिर साड़ी से लेकर सेनेटरी पेड तक बुरहानपुर बनाना फेस्टिवल में बेहद हाईजेनिक और कूल प्रोडक्ट अब दुनिया भर में छाने वाले हैं। तो अगर आप भी कॅरियर को लेकर परेशान हैं तो ये आपके लिए बेहतर ऑप्शन हो सकता है। आप भी जानें बनाना प्रोडक्शन का ये यूनिक इनोवेशन कैसे बन सकता है आपके कॅरियर का बूस्टर स्टार्ट अप... दो दिन चले बनाना फेस्टिवल में दिखे प्रोडक्ट बुरहानपुर में दो दिन तक चले बनाना फेस्टिवल में 100 से ज्यादा प्रदर्शनी लगाई गईं। इनमें केले के तने से बने लेदर, सेनेटरी पैड, कपड़ा और केला पाउडर सहित कई उत्पादों को प्रदर्शित किया गया था। कई लोगों ने खरीदारी भी की। जिला प्रशासन कीओर से फेस्टिवल का आयोजन किया गया।
फैशन डिजाइनर प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड मार्केटिंग भव्या झा ने केले के तने से हैंडीक्राफ्ट बनाने के तरीके बताए। कहा कि ग्राहक की अपेक्षाओं को ध्यान में रख उत्पाद बनाने चाहिए। सपीआरईआरआई वडोदरा की इंचार्ज हेड अमृता दोषी ने कहा कि केला फाइबर से उत्पाद बनाते समय क्वालिटी पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वैज्ञानिक डॉ. चिराग देसाई ने बताया कि बनाना पेपर लंबे समय तक उपयोगी होता है। पर्यावरण हितैषी भी है।
केला फेस्टिवल के आयोजन पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी ट्वीट कर संदेश दिया। कहा कि बनाना फेस्टिवल के आयोजन से केले से निर्मित विभिन्न उत्पादों की मार्केटिंग, पैकेजिंग और प्रोसेसिंग की प्रक्रिया से आमजन को अवगत करवाने से लेकर इस उत्पाद की निर्यात वृद्धि की संभावनाएं बनेंगी। वहीं उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने फेस्टिवल की सराहना करतेे हुए कहा कि इससे समृद्धि एवं विकास के अवसर बढ़ेंगे।
- फेस्टिवल के तहत प्रदर्शनी में देशभर से स्टार्टअप पहुंचे। जयपुर से आए शशांक श्रीवास्तव ने लेदर बनाने की अनोखी विधि बताई। खासियत यह है कि यह पशुओं के मांस को पीछे छोड़ेगा। इससे सोफा, जूते-चप्पल तक बनाए जा सकेंगे।
- सेनेटरी पैड भी केले के फाइबर से बनाए गए हैं। महिलाओं के लिए सेफ और हाइजीनिक हैं। इनके उपयोग से महिलाओं की त्वचा को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
- केला पाउडर कुपोषित बच्चों को पोषित करने के काम आएगा। सामान्य बच्चे भी दूध के साथ सेवन कर सकते हैं। यहां तक बड़े भी गेहूं के आटे में डालकर सेवन कर सकते हैं।
- केले के फाइबर से साड़ी भी बनाई जाती है। बुरहानपुर में ही दिलावर हुसैन इसकी साड़ी बना रहे हैं। जिसकी बड़े शहरों में खासी मांग है। फाइबर और कॉटन धागे को मिक्स कर साड़ी बनाई जाती है। कीमत लगभग 1100 रुपए प्रति मीटर है।
Published on:
22 Feb 2024 01:56 pm
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