
जापान और अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड डील की बातचीत फिर अटक गई है। (PC: Gemini)
ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत ही नहीं, जापान, चीन, यूरोप और ब्राजील समेत विश्व के कई देश परेशान हैं। ये देश अब अमेरिका के आगे नहीं झुक रहे। वे प्रतिकार कर रहे हैं, नए व्यापारिक साझेदार ढूंढ रहे हैं और अमेरिकी बाजार पर अपनी निर्भरता कम कर रहे हैं। ट्रंप के मनमाने टैरिफ के खिलाफ भारत वैश्विक विरोध का चेहरा बनकर उभरा है। भारत ने अपनी सीमा तय कर दी है और अमेरिका के दबाव के आगे झुकने की बजाय ठहराव और मजबूती की नीति को अपनाया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह किसानों और छोटे उद्यमियों के हितों से समझौता नहीं करेगा। भारत के समर्थन में ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने कहा, उनकी सरकार भारत पर टैरिफ का समर्थन नहीं करती है।
चीन ने भी टैरिफ से दबने की बजाय अपना रुख मजबूती से रखा है और भारत के समर्थन में खड़ा है। रूस के आर्कटिक एलएनजी-2 प्लांट से निकली तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की खेप पहली बार चीन के बंदरगाह पर पहुंची है। अमरीकी प्रतिबंधों के बावजूद यह खेप चीन के बेहाई एलएनजी टर्मिनल पर पहुंची है। यह पहला अवसर है, जब किसी प्रतिबंधित रूसी जहाज ने सीधे किसी चीनी आयात टर्मिनल पर ईंधन पहुंचाया है। इस कदम को अमरीकी प्रतिबंध के खिलाफ रूस और चीन का नया मोर्चा माना जा रहा है। आर्कटिक एलएनजी-2 प्लांट पर जो बाइडेन के कार्यकाल में प्रतिबंध लगाए गए थे।
जापान और अमरीका के बीच चल रही ट्रेड डील की बातचीत फिर अटक गई है। जापान के टॉप ट्रेड नेगोशिएटर यॉसी अकाजावा ने अपना अमेरिकी दौरा रद्द कर दिया। इस दौरे में जापान के 550 अरब डॉलर के इन्वेस्टमेंट पैकेज पर भी साइन ऑफ होना था। अमेरिका के खिलाफ जापान की नाराजगी चरम पर पहुंच गई है।
देश के 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों-छोटे दुकानदारों के संगठन कैट ने टैरिफ को भारत के लिए झटका नहीं, बल्कि बड़ा अवसर बताया है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतीय ने भारत सरकार से यूरोप, अफ्रीका और एशिया-प्रशांत देशों से व्यापार वार्ताएं तेज कर नए बाजार ढूंढने की मांग की है। कैट का कहना है कि दूसरे देशों के साथ व्यापारिक समझौतों से भारतीय व्यापारियों के लिए व्यापक बाजार तक पहुंच होगी और टैरिफ का असर कम होगा।
भारत और चीन के रिश्ते सुधर रहे हैं। चीन ने प्रतिबंधों में ढील दी है, पर भारत ने अभी तक प्रतिबंध जस के तस रखे हैं। पीएम मोदी शी जिनपिंग की मुलाकात होने पर दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ सकता है। भारत-चीन की बढ़ती दोस्ती अमेरिका की चिंता बढ़ा सकती है। अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ मोहरे के जैसे इस्तेमाल करना चाहता था, लेकिन अब अमेरिकी योजनाओं पर पानी फिर सकता है। भारत पर पेनल्टी टैरिफ लगाने से ट्रंप अपने ही घर में अर्थशास्त्रियों और डेमोक्रेट सांसदों के निशाने पर हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निर्यातकों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उन्हें पूरा सपोर्ट देगी। निर्यातकों की चिंताओं को दूर किया जाएगा। मुश्किल समय में निर्यातकों से वर्कर्स की रोजी-रोटी बचाने का आग्रह किया। वहीं, आरबीआई बुलेटिन में कहा गया है कि भारत-अमरिका व्यापार नीतियों पर बनी अनिश्चितता जोखिम पैदा कर रही हैं। हालांकि, निकट भविष्य में महंगाई में और नरमी आ सकती है। इसमें आगे कहा गया है कि अच्छा मॉनसून और तापमान की बेहतर स्थिति खरीफ सीजन के लिए शुभ संकेत हैं। वास्तविक ग्रामीण मजदूरी में बढ़त से वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मांग में तेजी देखने को मिल सकती है।
Published on:
30 Aug 2025 11:11 am
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