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ईयू-ब्रिटेन और EFTA बनेंगे अमेरिकी बाजार का विकल्प, कई देशों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की तैयारी

भारत, अमेरिका से इतर दूसरे बाजार तलाश रहा हैं, जहां भारतीय सामानों का निर्यात हो सके। यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (एस्टा) देशों के साथ हो चुके व्यापार समझौते पर भी एक अक्टूबर से अमल शुरू हो जाएगा।

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Free Trade Agreement

भारत अमेरिकी बाजार के विकल्प तलाश रहा है। (PC: Gemini)

भारतीय उत्पादों पर अमेरिका में 50 फीसदी तक का भारी-भरकम टैरिफ लागू हो गया है। इसके बाद अब भारत अमेरिका के विकल्प के रूप में तेजी से नए बाजार तैयार करने की कोशिश कर रहा है। ब्रिटेन के बाद अब अगले महीने यूरोपियन यूनियन (EU) के साथ फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) समझौता हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक भारत और ईयू के बीच व्यापार समझौते को लेकर वार्ता लगभग पूरी हो चुकी है और सितंबर में राजनीतिक स्तर पर बातचीत के बाद इसकी घोषणा की जा सकती है।

यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन के साथ समझौता होगा लागू

वहीं, यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (एस्टा) देशों के साथ हो चुके व्यापार समझौते पर भी एक अक्टूबर से अमल शुरू हो जाएगा, जिससे यूरोप के चार संपन्न देशों में भारतीय वस्तुओं का बिना शुल्क के या बहुत कम शुल्क के निर्यात हो सकेगा।

ब्रिटेन के साथ ट्रेड डील भी लागू होगी

ब्रिटेन से भी भारत का व्यापार समझौता हो चुका है और अगले कुछ महीनों में यह भी अमल में आ जाएगा। इस तरह यूरोप के देशों में भारतीय वस्तुओं का निर्यात बिना शुल्क के हो सकेगा। ब्रिटेन के साथ ईयू में शामिल फ्रांस, जर्मनी, इटली विकसित देशों की श्रेणी में शामिल है, जहां भारतीय निर्यात को काफी प्रोत्साहन मिलेगा। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया के साथ हो चुके व्यापार समझौते को भी विस्तार दिया जा सकता है। न्यूजीलैंड से भी भारत व्यापार समझौता कर रहा है। ओमान से भी अगले महीने व्यापार समझौता हो जाएगा। इन समझौतों को लागू होने में अभी कुछ महीने लगेंगे।

रोजगार सृजन वाले सेक्टर्स को राहत की तैयारी

केंद्र सरकार ने 50% अमरीकी टैरिफ के असर से निपटने के लिए कमर कस ली है। इस मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान श्रम आधारित उद्योगों पर है, जिनमें टेक्सटाइल और जेम्स एंड जूलरी जैसे सेक्टर शामिल हैं। इन सेक्टर्स को जल्द ही बड़ी राहत देने की तैयारी है।

सरकार के 5 ट्रंप कार्ड

सहायता योजना: केंद्र सरकार प्रभावित निर्यातकों के लिए 25,000 करोड़ रुपए की सहायता योजना लाने को तैयारी रही है।

व्यापार वार्ताएं तेज होंगी: यूरोपीय संघ, चिली, न्यूजीलैंड और पैरू जैसे देशों के साथ व्यापर वार्ता जारी है, जिन्हें तेज किया जाएगा।

उपाय क्लस्टर जोड़े जाएंगे: सूरत, तिरुपुर और भदोही जैसे वस्त्र उत्पादन क्लस्टरों को अंतरराष्ट्रीय अवसरों से जोड़ा जाएगा।

ब्रांड इंडिया अभियान तेज होगा: ब्रांड इंडिया अभियान के तहत अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों और व्यापार मेलों में भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

आरबीआई की तैयारी: आरबीआई विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से बैठक करेगा। प्रभावित सेक्टर्स को मदद दी जाएगी।