
नई दिल्ली। पिछले कुछ महीनों के दौरान दाल की कीमतों ( Pulse Price ) में आसमान छूती महंगाई को विपक्षी दलों द्वारा सियासी मुद्दा बनाने के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के तहत दाल का बड़े पैमाने पर आयात होगा। ताकि दालों की बेकाबू कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने सूडान, केन्या और मोजांबिक जैसे देशों से दालों के आयात ( Pulse Import ) को लेकर बातचीत शुरू कर दी है।
5 साल में होगा 4.5 लाख टन दाल का आयात
केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इन देशों से 2-3 लाख टन दाल के आयात को लेकर करार हो सकते हैं। इसके अलावा सरकार ने मलावी और म्यांमार से भी दाल आयात का करार किया है। ताजा करार के मुताबिक 5 साल में 4.5 लाख टन दाल का आयात होगा। इसका असर यह हुआ कि जुलाई और अगस्त में दालों के दामों में गिरावट देखने को मिली है।
25 लाख टन स्टॉक घोषित
केंद्र सरकार द्वारा स्टॉल लिमिट करे केबाद व्यापारियों ने अभी तक 25 लाख टन का स्टॉक घोषित किया है। दूसरी तरफ की जोरदार मुनाफा वसूली के बाद सोयाबीन में निचले स्तरों से फिर खरीदारी लौटी है। लेकिन NCDEX पर दस हजार के नीचे भाव आया है। विदेशों बाजार से कमजोर संकेतों से निचले स्तरों पर दबाव बना हुआ है।
दाल आयात शुल्क से मुक्त
इससे पहले केंद्र सरकार ने 16 जून को देश में दालों की मांग को पूरा करने और महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए मूंग, उड़द और तूर को आयात शुल्क से मुक्त कर दिया था। तीनों दालों 31 अक्टूबर 2021 तक के लिए प्रतिबंधित से हटाकर निशुल्क की श्रेणी में डाल दिया था। अमरीका, रूस, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने भारत सरकार के इस पहल का स्वागत किया था।
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Updated on:
03 Aug 2021 08:35 pm
Published on:
03 Aug 2021 08:29 pm
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