9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किसी से कैश में रुपये उधार लेना भी पड़ सकता है भारी, जान लें Income Tax का यह नियम

Income Tax on Cash Payments: कैश में बड़ा लेनदेन आप पर भारी पड़ सकता है। इससे आप पर पेनल्टी भी लग सकती है। अगर आप किसी से 20,000 रुपये से ज्यादा कर्ज कैश में लेते हैं, तो आप पर पेनल्टी लग सकती है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Pawan Jayaswal

Aug 18, 2025

Income Tax on Cash Payments

कैश में बड़ा लेनदेन आप पर भारी पड़ सकता है। (PC: Gemini)

अगर आप किसी से 20,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज कैश में लेते हैं, तो आयकर विभाग आप पर जुर्माना लगा सकते हैं। वहीं, अगर आप 20,000 रुपये से अधिक की रकम किसी को कर्ज के पुनर्भुगतान के रूप में देते हैं, तो भी आप पर जुर्माना लग सकता है। यह जुर्माना आपके द्वारा ली गई या चुकाई गई रकम के बराबर हो सकता है। यानी 20 हजार रुपये का कर्ज लिया तो 20 हजार रुपये ही जुर्माना लग जाएगा। आयकर नियमों को लेकर अवेयरनेस न होना आप पर काफी भारी पड़ सकती है। आइए विस्तार से समझते हैं।

बड़े कैश लेनदेन पर निगरानी रखता है आयकर विभाग

टैक्स एवं निवेश सलाहकार बलवंत जैन ने राजस्थान पत्रिका को बताया कि आयकर विभाग बड़े कैश लेनदेन पर कड़ी निगरानी रखता है। चाहे वह रकम उधार में ली गई हो, उधार चुकाया गया हो, कोई खरीदारी की गई हो या दान दिया गया हो। जैन ने बताया कि कैश लेनदेन की एक सीमा है। इस सीमा से ज्यादा के लेनदेन पर भारी-भरकम जुर्माना लग सकता है।

20,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज कैश में नहीं ले सकते

जैन ने कहा, "इनकम टैक्स कानूनों में यह प्रावधान है कि आप किसी से 20,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज कैश में नहीं ले सकते। न ही इस सीमा से अधिक पैसा कर्ज के पुनर्भुगतान के रूप में दे सकते हैं। हालांकि, इससे आपकी टैक्स देनदारी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन लिमिट से अधिक की रकम के कैश लेनदेन पर टैक्स अधिकारी प्राप्त की गई या चुकाई गई रकम के बराबर जुर्माना लगा सकते हैं।"

बैंक लोन के मामले में नहीं हैं प्रतिबंध

जैन ने कहा कि अगर अंतिम किस्त चुकाते समय बकाया रकम 20 हजार रुपये से कम रह जाती है, तो पूरी रकम का कैश पेमेंट किया जा सकता है। हालांकि, कर्ज के लेनदेन के मामले में इस तरह की लिमिट बैंकों, सरकारी कंपनी, निगम और इस तरह की दूसरी इकाइयों पर लागू नहीं है। होम लोन के मामले में भी ऐसे प्रतिबंध नहीं हैं।

कैश लेनदेन में इन बातों का रखें ध्यान

  1. जैन के अनुसार, एक वित्त वर्ष में किसी व्यक्ति द्वारा बचत खातों में कुल कैश डिपॉजिट्स और निकासी 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं किया जाना चाहिए। बैंकों को ऐसे लेनदेन के बारे में आयकर विभाग को सूचित करना होता है।
  2. कोई व्यक्ति एक दिन में एक व्यक्ति से सिंगल ट्रांजेक्शन में या एक इवेंट से जुड़े ट्रांजेक्शंस में कुल 2 लाख रुपये या उससे अधिक कैश नहीं ले सकता है।
  3. अगर आप एक दिन में 50 हजार रुपये से अधिक रकम बचत खाते में जमा कराते हैं, तो आपको पैन नंबर देना होगा। पैन नहीं होने की स्थिति में आपको फॉर्म 60/61 जमा करना होगा।
  4. यदि आप 30 लाख रुपये या उससे अधिक की कोई प्रॉपर्टी खरीदते हैं, तो आपको उस राशि का सोर्स बताना होगा। शहरों में यह सीमा 50 लाख रुपये और ग्रामीण इलाकों में 20 लाख रुपये है।
  5. आप हर महीने 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा का क्रेडिट कार्ड बिल कैश में चुकाते हैं, तो यह भी आयकर विभाग के रिकॉर्ड में आ जाता है।