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ITR e-Verification: क्या लास्ट डेट बीत जाने के बाद ITR को ई-वेरिफाई करा सकते हैं, किस स्थिति में लगेगा जुर्माना?

ITR e-Verification: इनकम टैक्स रिटर्न को वेरिफाई कराना बहुत जरूरी है। इसके बाद ही रिटर्न फाइल करने की प्रोसेस पूरी होती है। 15 सितंबर 2025 तक कुल 7,08,89,145 ITR दाखिल किए गए।

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ITR e-Verification

आईटीआर भरने के 30 दिन के अंदर उसे वेरिफाई कराना होता है। (PC: Pexels)

ITR e-Verification: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लास्ट डेट अब बीत चुकी है। यह 16 सितंबर 2025 थी। आईटीआर भरने के बाद इसे वेरिफाई भी करना होता है। ई-वेरिफिकेशन के बाद ही रिटर्न भरने की प्रक्रिया पूरी होती है। अब कई टैक्सपेयर्स के मन में यह सवाल है कि क्या लास्ट डेट बीत जाने के बाद भी आईटीआर का ई-वेरिफिकेशन हो सकता है? आइए जानते हैं। बता दें कि 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है।

लाखों ITRs का नहीं हुआ वेरिफिकेशन

आयकर विभाग द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर 2025 तक कुल 7,08,89,145 ITR दाखिल किए गए। इनमें से 6,23,03,847 ITRs का वेरिफिकेशन हो चुका है। इसका मतलब है कि लगभग 86 लाख ITR फाइल तो किए गए, लेकिन 15 सितंबर 2025 तक वेरिफाई नहीं हुए।

ITR ई-वेरिफिकेशन क्या होता है?

इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन (ई-वेरिफिकेशन) सर्विस टैक्सपेयर्स को ऑनलाइन अपने आयकर रिटर्न को वेरिफाई करने की सुविधा देती है। यह प्रक्रिया रिटर्न फाइलिंग को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसे आधार OTP, EVC, या नेट बैंकिंग के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। आईटीआर फाइल करने के 30 दिन के अंदर इसे ई-वेरिफाई करना होता है।

लग जाएगी लेट फाइलिंग फीस…

अगर आप आईटीआर भरने के 30 दिन के अंदर इसे वेरिफाई नहीं करते हैं, तो आपका टैक्स रिटर्न अधूरा माना जाएगा और ऐसा ITR अमान्य हो जाएगा। इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर बताया गया है, “यदि आयकर रिटर्न लास्ट डेट तक अपलोड किया गया है, लेकिन ई-वेरिफिकेशन अपलोडिंग के 30 दिनों बाद किया गया है, तो ऐसे मामलों में ई-वेरिफिकेशन/ITR-V जमा करने की डेट को ही रिटर्न दाखिल करने की डेट माना जाएगा और आयकर अधिनियम के तहत लेट फाइलिंग के सभी परिणाम यहां लागू होंगे। यदि अपलोड करने के बाद रिटर्न का वेरिफिकेशन नहीं किया गया तो ऐसा रिटर्न अमान्य माना जाएगा।”

लगेगा जुर्माना

आयकर विभाग की वेबसाइट के अनुसार, जमा किए गए ITR का 30 दिन की समयसीमा के भीतर वेरिफिकेशन न होने पर आपको बिलेटेड ITR दाखिल करना होगा और लेट फाइलिंग की स्थिति में धारा 234F के तहत 5,000 रुपये (यदि कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है. तो 1,000 रुपये) का जुर्माना लगेगा।

ऐसे मामलों में नहीं लगेगा जुर्माना

यदि रिटर्न अपलोड कर दिया गया और ITR-V 30 दिनों के भीतर जमा किया गया, तो ऐसे मामलों में रिटर्न अपलोड करने की डेट को ही आयकर रिटर्न दाखिल करने की डेट माना जाएगा। ITR-V के सीपीसी में प्राप्त होने की तारीख को ही 30 दिन की अवधि के निर्धारण के लिए वेरिफिकेशन की तारीख माना जाएगा।