यह भी पढ़ें पंजाब की तमाम समस्याओं की जड़ में दो लाख करोड़ रुपये, पढ़िए पूरी कहानी ये है मामला यह कहानी है जगतार सिंह पुत्र तरलोचन सिंह की। दो वर्ष के वर्क परमिट पर दुबई जाने के लिए ट्रेवल एजेंट गौरव कुमार से संपर्क किया गया। उसने एक लाख पांच हजार रुपये मांगे। एक लाख में सौदा तय हो गया। ट्रेवल एजेंट ने जगतार सिंह को चंडीगढ़ से फ्लाइट द्वारा दुबई भेज दिया। दुबई में जगतार सिंह तीन दिन तक ट्रेवल एजेंट गौरव कुमार द्वारा बताए गए पते पर रुका। वहां उसे खाना भी नहीं दिया गया। तीन दिन बाद उसे कमरे से बाहर निकाल दिया गया। इसके बाद वह भटकता रहा। किसी ने दया की। अपने पास से फोन करवाया तो घरवालों को जानकारी हुई। फिर नवांशहर से टिकट करवाकर दुबई से वापस बुलाया गया।
यह भी पढ़ें क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में रिश्वत का खेल, जानिए कैसे फँसाया जाता है ‘मुर्गा’ रिपोर्ट दर्ज इस बारे में तरलोचन सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि उधार लेकर रुपयों का इंतजाम किया था, लेकिन धोखा दिया गया। वर्क परमिट के स्थान पर टूरिस्ट वीजा पर दुबई भेज दिया। मांग की है कि एक लाख रुपये वापस दिलाए जाएं और ट्रेवल एजेंट गौरव कुमार के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस शिकायत की जांच अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक सतनाम सिंह ने की। शिकायत सही पाए जाने पर गौरव कुमार के खिलाफ धारा 420 के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता को अपने पैसे मिलने का इंतजार है।