कन्हैया पर पहले से ही कई चोरियों के आरोप थे। इस कारण अमन ने उससे बाइक वापस करने के लिए कहा था। इधर कन्हैया का कहना था कि उसके पास कोई बाइक नहीं है और न ही उसने चोरी की है।
इस बीच शनिवार को कन्हैया आवेदन देने एसपी ऑफिस गया था। एसपी के नहीं मिलने पर कन्हैया सोमवार को फिर से एसपी ऑफिस पहुंच गया। वह अपने साथ पेट्रोल भी ले गया था। बताया जा रहा है कि जैसे ही उसने एसपी तिलक सिंह को आवेदन देना चाहा तो एसपी ने उसे शाम चार बजे आने के लिए कहा। इस पर जीतू नाराज हो गया। आवेदन एसपी ऑफिस में ही फेंककर वह बाहर आया और अपने ऊपर पेट्रोल उड़ेल लिया।
ये घटना इतनी जल्दी घटी कि जीतू को जलते देख लोग कुछ समझ नहीं पाए। एसपी ऑफिस में तैनात सिपाही कंबल लेकर आग बुझाने दौड़े। आग जब तक बुझती, इससे पहले ही कन्हैया नब्बे फीसदी जल चुका था। उसे तुरंत ऑटो से अस्पताल ले जाया गया। जहां मंगलवार को उसकी मौत हो गई।
युवक कन्हैया अग्रवाल का आरोप थआ कि उसे मोहल्ले के ही अमन महाराज चोरी की बाइक वापस करने के लिए बार-बार परेशान और मारपीट कर रहे थे। जबकि बाइक उसने चुराई नहीं थी। इसलिए वह शनिवार को एसपी ऑफिस गया था और शिकायत दी थी। युवक की मां भी कोतवाली गई थी, लेकिन पुलिस ने उसे भी डांटकर भगा दिया था।
जिस समय युवक आग लगाकर जीवन-मौत से संघर्ष कर रहा था, उस समय एसपी तिलक सिंह ऑफिस में ही थे। घटना की जानकारी लगने के बाद भी वे ऑफिस से नहीं निकले। कुछ देर बाद ऑफिस से चले गए।
क्या कहा एसपी ने
एसपी तिलक सिंह ने कहा कि पीड़ित एवं उसके परिवार ने न तो मेरे कार्यालय में और न ही कोतवाली में कोई शिकायत दी थी। बहरहाल बयानों के आधार पर आरोपी के विरूद्ध मुकदमा कायम किया गया है। पुलिस उसे जल्द गिरफ्तार करेगी।
परिवार ने छोड़ दिया था घर
कन्हैया की मां और भाई अमित ने जिला अस्पताल पहुंचकर आरोप लगाया कि अमन दुबे और उसके पिता किस्सू कन्हैया को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। अमित के साथ भी मारपीट की और लगातार बाइक देने के लिए मारपीट करते थे। इस कारण से दहशत के चलते परिवार ने घर छोड़ दिया था। कोतवाली जाने पर पुलिस ने वहां से खदेड़कर भगा दिया था। उसकी कोई सुनने को तैयार नहीं था।