
family trapped nepal violence comes back india nepal gen-z protest (Patrika.com)
Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा ने कई नागरिकों की जिंदगी हिला दी। इनमें एमपी के छतरपुर के चार परिवार भी शामिल थे, जो 4 सितंबर को काठमांडू यात्रा पर गए थे। तीन दिन तक वहां फंसे रहने के बाद ये लोग सुरक्षित छतरपुर लौट आए हैं। उनका अनुभव सुनकर वहीं हालात आंखों के सामने जीवंत हो हो उठते हैं। (mp news)
निर्देश ने कहा कि हम 4 सितंबर को काठमांडू की ओर निकले। हम जर परिवार थे, कुल 14 शुरुआत में सब सामान्य लगा। पोखरा से रात को काठमांडू पहुंचे तो वहां हालात सामान्य दिखे। लेकिन जैसे ही सुबह उठे और चाहर देखा, तो दिल थम सा गया। सड़कों पर युवा आंदोलनकारी जमा हो रहे थे और नारे लगा रहे थे। देखते ही देखते हिंसा फैल गई। (Nepal Violence)
हमने होटल की छत से देखा कि प्रधानमंत्री हेलीकॉप्टर की रस्सी पकड़ते हुए नजर आए। चारों और धुआं और आग थी। सरकारी भवन, अस्पताल, सुपर स्टोर, पुलिस चौकियां, हर जगह पर हमला हो रहा था। एक स्कूल पर भी हमला किया गया, लेकिन गनीमत रही कि छुट्टी थी। अगर बच्चे स्कूल में होते, तो क्या होता, सोचकर ही डर लगता है। गाड़ियों को आग के हवाले किया जा रहा था। फाइव स्टार होटल हिल्टन तक को आग लगा दी गई। युवाओं की भीड़ नारे लगाते हुए तोड़फोड़ कर रही थी। हमारे लिए यह दृश्य बेहद डरावना था। बच्चे लगातार पूछ रहे थे, पापा, ये धुआं कैसा है? आग कैसी है? में क्या जवाब देता, में खुद असहारा था। (mp news)
तीन दिन तक हमें खाना भी नहीं मिला। हमें बस नमकीन बिस्किट के पैकेट खोजकर पेट भरना और आग और धुएं के बीच, लोग एयरपोर्ट पर भारत के विमान का इंतजार कर रहे थे ताकि सुरक्षित लौट सकें। जब हम भारत पहुंचे, तब जाकर हमने राहत की सांस ली। विधायक, कलेक्टर एसपी और भोपाल से कॉल किया, लेकिन निकलने में सहायता के कोई अवसर नहीं मिले। आखिर में हमें रक्सौल के रास्ते भारत लौटने का फैसला किया। रास्ते में सेना और सुरक्षाबल जगह-जगह तैनात थे, यह देखकर थोड़ी राहत मिली।
हम घर जरूर आ गए, लेकिन अब बाहर जाने का साहस नहीं कर पाएंगे। वहां के लोगों ने बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखरता रोकने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे आंदोलनकारी युवा भड़क गए और आगजनी करने लगे।
तीन दिन की यह यात्रा केवल एक यात्रा नहीं थी, यह डर, अराहावयन और परिवार की सुरक्षा की कसौटी थी। चारों ओर आग, धुआ, टूट-फूट नारे- यह सब अनुभव शब्दों में बयान करना मुश्किल है। लेकिन हम जीवित लौट आए हैं, और यह अनुभव हमारी यादों में हमेशा रहेगा। (mp news)
Updated on:
13 Sept 2025 01:49 pm
Published on:
13 Sept 2025 01:48 pm
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