
Coldrif Owner on remand: कोल्ड्रिफ के मालिक पर हमले को उतारू भीड़ चिल्लाती रही फांसी पर लटकाने की मांग करती रही।
Coldrif Owner on remand till diwai 2025: जहरीले कोल्ड्रिफ कफ सिरप से 21 बच्चों की मौत के मुख्य आरोपी और दवा कंपनी श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स, कांचीपुरम के मालिक रंगनाथन (75) को एसआइटी ने शुक्रवार को परासिया कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने 20 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया। यानी उसकी दीपावली (diwali 2025) हवालात में ही बीतेगी। पेशी के दौरान कुछ लोगों ने हमले की कोशिश की, हालांकि कोई उसके करीब नहीं पहुंच सका। धक्का-मुक्की में रंगनाथन का चश्मा टूट गया। लोग फांसी देने की मांग कर रहे थे।
ज्ञात रहे कि तीन बच्चे अब भी नागपुर में भर्ती हैं। डॉ. प्रवीण सोनी और कंपनी मालिक रंगनाथन को मुख्य आरोपी बनाया गया है। डॉ. सोनी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। रिमांड के दौरान रंगनाथन (Coldrif Owner on Remand) को तमिलनाडु ले जाकर जांच को बढ़ाया जाएगा। शासन की ओर से सहायक लोक अभियोजन अधिकारी रतन धुर्वे ने आरोपी की दलीलों का विरोध किया। उधर, बालाघाट के 3 मेडिकल स्टोर से प्रतिबंधित सिरप के नए बैच की 167 शीशी जब्त कीं। यह रेसिपीफ्रेश टीआर व रिलाइफ हैं। दोनों क्रमश: बैच आर011 जीएल 2523 व एसएलएस 25160 हैं।
जहरीली कोल्ड्रिफ कफ सिरप का मालिक 10 दिन की पुलिस रिमांड पर है, परासिया पुलिस थाने में जहां उसका गुरुवार का दिन गुजरा वहीं रिमांड के बाद भी उसे वहीं ले जाया गया। शाम के बाद रात भी उसने वहीं गुजारी है। पुलिस के मुताबिक रात में रंगनाथन ने ठीक से खाना भी नहीं खाया उसे दाल-चावल दिए गए थे। वहीं वह देर रात तक हवालात में ही इधर से उधर घूमता रहा, फिर जमीन पर लेटा, करवटें बदलता रहा। देर रात के बाद उसे नींद आई। बताया जा रहा है कि गिरफ्तारी से टूटे रंगनाथन का बीपी और शुगर हाई हो चुका है। उसे डॉक्टर्स की निगरानी में यहां रखा जा रहा है। डॉक्टर्स समय पर उसका बीपी और शुगर चेक कर रहे हैं और जरूरी दवाएं दे रहे हैं।
जानकारी मिल रही है कि एक-दो दिन में ही रंगनाथन को एक बार फिर तमिलनाडु ले जाया जाएगा। जहां पहले से ही एक टीम कांचीपुरम जिले में स्थित उसकी कोल्ड्रिफ फैक्ट्री और अन्य सबूत खंगाल रही है। वहीं रंगनाथन को ले जाया जाएगा, ताकि उसका साथ देने वालों के नाम सामने आ सकें। इसमें कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है।
बता दें कि कोलड्रिफ कफ सिरप के मालिक और कंपनी के खिलाफ छिंदवाड़ा की परासिया तहसील में ही शिकायत दर्ज कराई गई थी। FIR के मुताबिक, 'डॉक्टर अंकित सहलाम (बीएमओ) सीएचसी परासिया द्वारा Coldrif (paracetamol, Phenylepherine Hydrochloride, Chlorpheniramine Maleate Syrup) बैच नं. SR-13, निर्माण तिथि May 2025, अवसान तिथि April-2027 निर्माण लायसेंस नं. TN00003053 निर्माता फर्म M/S Sresan Pharmaceutical Manufacturer Plot No. 787 बेंगलुरू हाईवेज, संगुवार्चतरम(मथुरा) कंचनपुर जिला 602106 में विषैले मिलावटी पदार्थ डाई ईथीलीन ग्लाइकोल के कारण बच्चों की मृत्यु होने से थाना परासिया में 5 अक्टूबर 2025 को धारा 105, 276 बीएनएस, 27(ए), औषधि और प्रसाधन सामग्री अधि. 1940 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। मामले कि शिकायत के बाद अब दवा मालिक रंगनाथन एमपी पुलिस की ट्रांजिट रिमांड पर एमपी में है और यहां परासिया कोर्ट की अनुमति के बाद वे 10 दिन की रिमांड पर है।
परासिया अधिवक्ता संघ ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि कोई भी वकील रंगनाथन (Coldrif Owner on Remand) की पैरवी नहीं करेगा। संघ अध्यक्ष श्याम साहू ने कहा, कोई बाहरी वकील भी आता है तो विरोध किया जाएगा। वकील न मिलने पर रंगनाथन ने स्वयं अपना पक्ष रखा। कहा कि उसे हाई बीपी और शुगर है। पांच राज्यों में दवा सह्रश्वलाई करता है, लेकिन नुकसान केवल मध्यप्रदेश में हुआ। उसने निष्पक्ष जांच के लिए समय मांगा।
छह सदस्यीय एसआइटी आरोपी को लेकर परासिया पहुंची। टीम में एसडीओपी जितेंद्र सिंह जाट, टीआइ जगोतिन मसराम, एएसआइ ब्रजेश रघुवंशी, भदैय, विकास बैस और साइबर एक्सपर्ट आदित्य रघुवंशी शामिल रहे। एक अन्य टीम तमिलनाडु में है। टीम ने परासिया थाने में करीब 6 घंटे दस्तावेज तैयार किए। पीड़ित परिजन के बयान लिए। अन्य रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की।
एमपी के छिंदवाड़ा जिले के परासिया के आरोपी डॉक्टर प्रवीण सोनी के बचाव में शिशु रोग विशेषज्ञों का राष्ट्रीय संगठन इंडियन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) भी आ गया है। आइएपी के महासचिव डॉ. योगेश एन पारिख ने प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर डॉ. सोनी के खिलाफ दर्ज एफआइआर वापस लेने की मांग की है। कहा है कि उन्होंने तो ड्रग अथॉरिटी से लाइसेंस प्राप्त फैक्ट्री में बनी दवा लिखी थी।
जबलपुर. मामले (Cough Syrup Case)की जांच सीबीआइ से कराने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। वकील विशाल तिवारी द्वारा दायर जनहित याचिका में दूषित कफ सिरप के निर्माण, परीक्षण और वितरण की व्यापक जांच के लिए रिटायर सुप्रीम कोर्ट की अध्यक्षता में राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या विशेषज्ञ समिति के गठन की मांग की गई। लंबित एफआइआर और जांचों को पूर्व सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो को हस्तांतरित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई। सीजेआइ की अध्यक्षता में हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया। कहा, राज्य की ओर से जांच की जा रही है। खबरों के आधार पर कुछ लोगों की जनहित याचिका दायर करने की आदत है।
Updated on:
11 Oct 2025 12:33 pm
Published on:
11 Oct 2025 09:19 am
बड़ी खबरें
View Allछिंदवाड़ा
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
