
Loksabha Election 2024: टिकट कटने के बाद चूरू से वर्तमान सांसद ( Churu Lok Sabha Constituency ) राहुल कस्वां नाराज नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से वे अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं, जिससे राजस्थान भाजपा की राजनीति गरमा गई हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राहुल कस्वां को राजेंद्र राठौड़ से अदावत भारी पड़ गई। विधानसभा चुनाव हारने के बाद चूरू के सादुलपुर में राजेंद्र राठौड़ ने पहली बार स्वीकार किया था कि उनकी पार्टी के कुछ नेताओं ने भीतरघात किया। जनता का फैसला स्वीकार्य है लेकिन इस हार में बहुत से 'जयचंदों' ने भी अपनी भूमिका निभाई।
राहुल कस्वां के टिकट कटने पर राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह पार्टी एक परिवार है और यह परिवार का मसला है। करीब डेढ दशक पूर्व तक पूर्व सांसद रामसिंह कस्वां व राजेंद्र राठौड़ एक थे। यहां दोनों के बीच संबंधों को राम लखन की जोड़ी बताया जाता था। इसके बाद ऐसी बिगड़ी की दोनों की पार्टी एक लेकिन राह दो हो गई।
समय के साथ तल्खी इतनी बढ़ गई कि दो लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव होने के बावजूद भी ये कभी एक मंच पर नजर नहीं आए। भाजपा जिला संगठन में राठौड़ का वर्चस्व रहा, लेकिन यहां भाजपा दो खेमों में बट गई। कभी कभार पार्टी की बैठकों व कार्यक्रमों में राठौड़ व राहुल एक मंच पर नजर आए, लेकिन आपस में बातचीत करते नहीं देखा गया।
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राहुल कस्वां की नाराजगी से भाजपा की ओर से तय किए प्रत्याशी देवेन्द्र झाझड़िया के सामने जहां नई चुनौती खड़ी हो गई है। अब देखना होगा अब राहुल कस्वां का फैसला क्या होगा। वे भाजपा में भी रहेंगे या कांग्रेस में जाने जैसा कोई कदम उठाएंगे। चूरू लोकसभा क्षेत्र कस्वां परिवार का गढ़ रहा है, यहां पर सांसद राहुल कस्वां खुद दूसरी बार चूरू से सांसद हैं। उनके पिता राम सिंह कस्वां भी चूरू से 3 बार सांसद रह चुके हैं।
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Updated on:
06 Mar 2024 06:10 pm
Published on:
06 Mar 2024 06:08 pm
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