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ऋषभ पंत की चोट के बाद BCCI का फैसला! घरेलू क्रिकेट के लिए लागू किए ‘सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट’ नियम

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) घरेलू सीजन में इंजरी रिप्लेसमेंट की इजाजत दे दी है।

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Rishabh Pant

भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में चौथ टेस्ट में चोटिल हो गए थे।

BCCI to introduce ‘Serious Injury Replacement’ rule: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आगामी 2025-26 घरेलू सीजन में मल्टी-डे गेम्स के लिए खेल की स्थिति में 'सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट' क्लॉज पेश किया है। यह नियम गंभीर चोट के कारण मैच से बाहर होने वाले खिलाड़ियों के लिए समान प्रतिस्थापन की अनुमति देगा। बीसीसीआई को इस तरह के नियम की जरूरत एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज में कुछ संबंधित घटनाओं के बाद आई है।

मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट के दौरान भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत के दाहिने पैर में फ्रैक्चर हो गया, लेकिन फिर भी वह पहली पारी में बल्लेबाजी करने आए। ओवल में पांचवें टेस्ट में इंग्लैंड के सीम-बॉलिंग ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने शुरुआती दिन क्षेत्ररक्षण के दौरान अपने कंधे की हड्डी खिसकने के बाद अपने बाएं हाथ से स्लिंग में बल्लेबाजी की। रिपोर्ट के अनुसार, मैदान पर चोट की सीमा और गंभीरता पर डॉक्टर से परामर्श करने के बाद मैच रेफरी प्रतिस्थापन नियम पर अंतिम प्राधिकारी होगा।

यदि किसी खिलाड़ी को मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है, तो निम्नलिखित परिस्थितियों में गंभीर चोट प्रतिस्थापन की अनुमति दी जा सकती है। आइए, इन नियमों के बारे में जानते हैं-

1- मैच के दौरान यदि किसी खिलाड़ी को गंभीर चोट लगती है तो उसे रिप्लेसमेंट दिया जाएगा। यदि किसी भी खिलाड़ी को मैदान के भीतर चोट लगेगी तो इसका भी रिप्लेसमेंट दिया जा सकता है। इसमें कोई खिलाड़ी गेंद लगने, फ्रैक्चर और डिस्लोकेशन से चोटिल हुआ हो। चोट गंभीर हो और खिलाड़ी मैच में भाग नहीं ले सके तब भी उस खिलाड़ी को नया रिप्लेसमेंट दिया जाएगा

2- यदि बल्लेबाजी करने वाली टीम के खिलाड़ी जान-बूझकर शॉर्ट रन लेते हैं तो क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम तय करेगी कि दोनों बल्लेबाजों में से कौन अगली गेंद पर स्ट्राइक पर होगा, यानी कौन बल्लेबाज अगली गेंद का सामना करेगा। इस तरह का नियम IPL और BCCI के घरेलू क्रिकेट में ही अपनाया जाएगा।

3- अब ग्राउंड पर मौजूद ऑनफील्ड अंपायर खिलाड़ी के गंभीर चोट का आंकलन करेंगे और रिप्लेसमेंट की अनुमति देंगे। अंपायर इसके लिए मैच रेफरी और डॉक्टर्स की सलाह ले सकते हैं।

4- टीम मैनेजर को मैच रेफरी को एक फॉर्म देना होगा, जिस चोटिल खिलाड़ी का पूरा ब्यौरा होगा। जैसे चोट कब लगी और कैसे लगी, साथ ही वह मैच में आगे नहीं खेल सकता की जानकारी देनी होगी। रिप्लेसमेंट खिलाड़ी का नाम जो लाइक फॉर लाइक होना चाहिए, यानी समान भूमिका वाला होना चाहिए।

5- रिप्लेसमेंट के तौर पर केवल उन्हीं खिलाड़ियों में से चुना जाएगा, जो टॉस के समय बतौर सब्स्टीट्यूट नामित किए गए होंगे। विकेट-कीपर की गंभीर चोट की स्थिति में सिर्फ बाहर से विकेट-कीपर बुलाने की अनुमति होगी। फिलहाल इसके लिए यह शर्त है कि सब्स्टीट्यूट नहीं हो। मैच रेफरी रिप्लेसमेंट की अनुमति तभी देंगे जब उन्हें लगेगा कि नया खिलाड़ी टीम को अनुचित लाभ नहीं देगा।

6- मैच में मैच रेफरी का निर्णय अंतिम होगा। किसी भी टीम को उसके फैसले पर अपील का हक नहीं होगा। रिप्लेसमेंट खिलाड़ी के लिए पेनल्टी, वार्निंग या टाइम आउट उसी तरह से लागू होंगे जैसा कि चोटिल खिलाड़ी पर थे। रिप्लेसमेंट के तौर पर खिलाड़ी के मान्य होने पर चोटिल खिलाड़ी मैदान पर नहीं लौट सकेगा। चोटिल और रिप्लेसमेंट खिलाड़ी के रिकॉर्ड और आंकड़े मैच में माने जाएंगे।


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