ऐसे ही नहीं मिला यह तमगा, यह है वजह
बेन स्टोक्स को ऐसे ही यह तमगा नहीं मिला है। उन्होंने विश्व कप के फाइनल में जिस तरह का प्रदर्शन किया। वह कोई महामानव ही कर सकती है। वह फाइनल में जब बल्लेबाजी करने आए तो इंग्लैंड चार विकेट खोकर संघर्ष कर रहा था। यहां से उन्होंने नाबाद 84 रनों की पारी खेलकर इंग्लैंड को न्यूजीलैंड के स्कोर के बराबर पहुंचा दिया। इसके बाद सुपर ओवर में भी बल्लेबाजी करने आए तथा तीन गेंद खेलकर आठ रन बनाए। इस तरह उन्होंने हारी हुई बाजी को जीत में बदल कर 44 साल के विश्व कप इतिहास में इंग्लैंड को पहली बार खिताब दिला दिया। इस कारण उन्हें मैन ऑफ द फाइनल का अवॉर्ड भी मिला। बता दें कि विश्व कप 1975 से खेला जा रहा है। इंग्लैंड ने इसके हर संस्करण में भाग लिया है, लेकिन वह अब तक कभी विश्व कप नहीं जीत सका था।
पूरे टूर्नामेंट में रहा शानदार प्रदर्शन
ऐसा नहीं है कि सिर्फ फाइनल में बेन स्टोक्स ने चमत्कारिक प्रदर्शन किया हो, बल्कि उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में ही शानदार खेल दिखाया। इस वजह से वह जारी ताजा आईसीसी रैंकिंग में हरफनमौलाओं की सूची में दूसरे स्थान पर आ गए हैं। इस विश्व कप में उन्होंने 11 मैच की 10 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 5 अर्धशतक की मदद से 465 रन बनाए और 11 पारियों में गेंदबाजी करते हुए 7 विकेट लिए।
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2016 में बन गए थे विलेन
यह वही बेन स्टोक्स हैं, जो 2016 टी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के लिए विलेन बन गए थे। कोलकाता में खेले गए टी-20 विश्व कप के फाइनल में विंडीज के कार्लोस ब्रेथवेट ने इनके आखिरी ओवर में लगातार चार छक्के मारकर इंग्लैंड के हाथों से जीत छीन ली थी। हालांकि इस ओवर से पहले तक लग रहा था कि इंग्लैंड यह फाइनल मैच जीत जाएगा, क्योंकि विंडीज को आखिरी ओवर में जीत के लिए 19 रन बनाने थे। लेकिन स्टोक्स के पहली चार गेंद पर कार्लोस ब्रेथवेट ने चार छक्के जड़कर दो गेंद पहले ही विंडीज को जीत दिला दी थी। बेन स्टोक्स को सुपरह्युमन का तमगा देते हुए इयॉन मोर्गन ने टी-20 विश्व कप 2016 का वो फाइनल मैच भी याद किया। उन्होंने कहा कि वह पहले भी कई बार यह कह चुके हैं कि 2016 में कोलकाता में जो स्टोक्स के साथ हुआ, वह किसी और के साथ होता तो उसका एक नहीं कई करियर तबाह हो जाता। लेकिन वही थे कि इस घटना से उबर कर यहां तक पहुंचे। विश्व कप 2019 फाइनल का दिन उनके लिए बेहतरीन दिन था। हम उनके शुक्रगुजार हैं।
2017 में लगा था कि करियर तबाह हो जाएगा
बेन स्टोक्स एक साल पहले विलेन, बिगड़ैल आदि कहा जाता था, लेकिन यह ऐसे ही नहीं था, बल्कि उसके लिए वह खुद जिम्मेदार थे। 25 25 सितंबर 2017 को एक नाइट क्लब के बाहर मारपीट के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा था कि वह मारपीट नहीं कर रहे थे, बल्कि सिर्फ दो मासूम लोगों को बचा रहे थे। लेकिन इस घटना का जो वीडियो सामने आया, उसमें स्पष्ट दिखा कि वह दो लोगों को पीट रहे हैं। उन पर केस दर्ज कर अदालत में मामला चला। सुनवाई का फैसला न आने तक टीम से बाहर कर दिया गया था। 11 महीने के बाद स्टोक्स इस मामले में निर्दोष साबित हुए और इसके बाद पिछले ही साल अगस्त में राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी हुई
रविवार को उनकी जिंदगी से यह सारे कलंक धुल गए। अब उन्हें राष्ट्रीय हीरो बताया जा रहा है। मॉर्गन तो उनकी तारीफ का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका अतीत जैसा था, वहां से यहां तक का सफर अविश्वसनीय है। वह लगभग सुपरह्युमन हैं। वह वाकई टीम का और हमारे बल्लेबाजी तथा गेंदबाजी क्रम का भार उठाते हैं। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि जोस बटलर और उनकी साझेदारी बेहतरीन थी, लेकिन निचले क्रम के साथ उनका उसी लय में बल्लेबाजी करना अविश्वसनीय था। मॉर्गन ने कहा कि जिस तरह का माहौल था, जैसी भावनाएं पूरे मैच के दौरान चल रही थी, उसे उन्होंने बेहतरीन तरीके से संभाला। हर कोई जो टीवी पर मैच देख रहा होगा वह बेन स्टोक्स जैसा बनना चाहेगा।
बॉथम की तरह इंग्लैंड के महानतम हरफनमौला : मॉर्गन
इयॉन मोर्गन ने तो यहां तक कह दिया कि वह अब राष्ट्रीय हीरो कहे जाएंगे और इयान बॉथम के साथ इंग्लैंड के महानतम हरफनमौलाओं में उनकी गिनती होगी। निश्चित रूप से लॉर्ड्स में उन्होंने जो कुछ किया, इससे पता चलता है कि उनमें काफी संभावनाएं हैं।