साल 2019 के आईपीएल संस्करण में एक बार ऐसा ही हुआ, जब चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मुकाबला खेला जा रहा था। उस मैच में चेन्नई सुपर किंग्स मुश्किल में फंसी थी। जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में 152 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान धोनी आउट होकर पवेलियन में बैठे थे। राजस्थान के बेन स्टोक्स ने चेन्नई के मिचेल सेंटनर को एक स्लोअर फुल-टॉल डाली लेकिन ऐसे लगा कि गेंद की हाइट ज्यादा है। अंपायर्स ने भी इसे नो-बॉल दे दिया। उस बार नो बॉल वाला बजर भी बज गया लेकिन फिर अंपायर्स ने अपना फैसला बदल दिया। जिसके बाद धोनी तिलमिला गयए और रोकते रोकते ग्राउंड में घुस गए। कुछ देर तक अंपायर्स के साथ बहस की। धोनी पर फाइन लगा दिया गया। अब उस घटना के पीछे की कहानी मोहित शर्मा ने एक पोडकास्ट में बताई।
मोहित शर्मा ने बताई उस पल की कहानी
मोहित शर्मा ने बताया, ‘हम लोग डगआउट में थे। हम चिल्ला रहे थे- मत जाओ, मत जाओ….। लेकिन उन्होंने पीछे मुड़कर देखा भी नहीं। वह तुरंत ही आउट हुए थे और पहले से गुस्से में थे। उन्होंने मुझसे कहा- क्या इसने नो-बॉल दी थी? मैंने कहा- हां। इसके बाद तो वो रुके ही नहीं। जब वह लौटे तो मुझसे लैपटॉप लाने के लिए कहा। फिर वीडियो एनालिस्ट ने उन्हें वो वीडियो दिखाया और फिर वह बोले- ये तो नो बॉल थी ही।’ मोहित शर्मा ने बताया कि धोनी सिर्फ ये चाहते थे कि कोई भी किसी और के दबाव में आकर अपना फैसला न बदले, हार जीत से कोई फर्क नहीं पड़ता। धोनी ने बाद में माफ़ी मांगी थी, लेकिन उन्हें मैच फीस का 50 फ़ीसदी जुर्माना लगाया गया था। धोनी को आईपीएल कोड ऑफ कंडक्ट के लेवल-2 का दोषी पाया गया था। धोनी को इस हरकत पर बहुत पछतावा हुआ था। राजस्थान रॉयल्स के ओपनर जोस बटलर ने मैच के बाद कॉन्फ़्रेंस में धोनी के मैदान पर उतरने के फ़ैसले को गलत करार दिया था।