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टीम इंडिया के लिए 1 मैच तक नहीं खेल पाया ये शख्स, आज इनके सहारे भारत बना विश्व चैंपियन

India Women's Cricket Team: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच अमोल मजूमदार ने टीम इंडिया के लिए एक भी मैच नहीं खेला लेकिन आज उनकी वजह से भारतीय महिला टीम ने पहली बार वर्ल्डकप की ट्रॉफी उठाई है।

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Amol Majumdar With World Cup Trophy

वर्ल्डकप ट्रॉफी के साथ अमोल मजूमदार (फोटो- IANS)

ICC Women's World Cup 2025: जरूरी नहीं कि हर बार वही परचम लहराए, जिससे उम्मीद की जाती है। कभी-कभी बाजी वह भी मार लेता है, जिसे एक भी मौका नहीं मिला हो। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप जिताने वाले कोच अमोल मजूमदार की कहानी इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने वो कर दिखाया जो कई दिग्गज नहीं कर सके। उन्होंने भारत को विश्व विजेता बना दिया। जिस टीम इंडिया की जर्सी को पहनने के लिए वह तरसते रहे, वही आज उन खिलाड़ियों को ट्रेन कर रहे हैं, जो टीम इंडिया की जर्सी पहनी हुई हैं।

अमोल मजूमदार घरेलू क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने रणजी ट्रॉफी में 11,167 रन बनाए, सैकड़ों चौके-छक्के लगाए और दो दशक तक मुंबई के लिए लगातार प्रदर्शन किया। इसके बावजूद उन्हें कभी भारतीय टीम से खेलने का मौका नहीं मिला। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गजों के दौर में अमोल की प्रतिभा कहीं न कहीं दबकर रह गई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और क्रिकेट से अपना नाता कभी नहीं तोड़ा।

खिलाड़ी से कोचिंग तक का सफर

रिटायरमेंट के बाद अमोल मजूमदार ने क्रिकेट से दूरी नहीं बनाई, बल्कि खेल के नए रूप में अपनी भूमिका तय की। उन्होंने कोचिंग की दिशा में कदम बढ़ाया और मुंबई टीम, राजस्थान रॉयल्स और इंडिया ‘ए’ टीम के साथ जुड़कर अपने अनुभव से युवा खिलाड़ियों को मार्गदर्शन दिया। उनका शांत स्वभाव, रणनीतिक सोच और अनुशासन ने उन्हें एक मजबूत कोच के रूप में पहचान दिलाई। उन्होंने यह साबित किया कि मैच केवल मैदान पर नहीं, ड्रेसिंग रूम से भी जीते जा सकते हैं।

महिला टीम के कोच बने, तो उठे सवाल

साल 2023 में जब उन्हें भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच नियुक्त किया गया, तो कई लोगों ने इस फैसले पर सवाल उठाए। आलोचकों का कहना था कि जिसने कभी भारत के लिए नहीं खेला, वह टीम को क्या सिखा पाएगा। लेकिन मजूमदार ने अपने काम से सभी को गलत साबित कर दिया। उन्होंने टीम में आत्मविश्वास, अनुशासन और प्रोफेशनलिज्म का माहौल तैयार किया। कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ उनका संबंध गुरु-शिष्य जैसा बन गया।

भारतीय महिला टीम ने इतिहास रचते हुए वर्ल्ड कप अपने नाम किया। इस जीत के पीछे अमोल मजूमदार की रणनीति, धैर्य और टीम को साथ लेकर चलने की सोच का बड़ा योगदान रहा। मैच के बाद हरमनप्रीत कौर द्वारा उनके पैर छूना सिर्फ सम्मान नहीं, बल्कि उस गुरु के प्रति आभार था, जिसने टीम को जीत की राह दिखाई। एक कोच जिसने खुद नहीं खेला, लेकिन देश को वर्ल्ड चैंपियन बनाया। अमोल मजूमदार भले ही भारतीय टीम की जर्सी पहनकर मैदान पर न उतरे हों, लेकिन आज देश की जीत की वजह वही हैं।