27 साल बाद फाइनल में पहुंची है इंग्लैंड की टीम
इंग्लैंड की टीम 27 साल बाद फाइनल में पहुंची है। यह उसका यह चौथा फाइनल है। पिछले तीन खिताबी मुकाबले में उसे निराश होना पड़ा है। इस बार विश्व कप जीतने के लिए वह पूरा जोर लगा देगी। वैसे भी मेजबान इंग्लैंड को इस बार खिताब जीतने का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है। इयोन मोर्गन की कप्तानी वाली इंग्लैंड की टीम को लीग चरण में पाकिस्तान, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया से मात मिली थी। इसके बावजूद इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। इंग्लैंड के पहले तीन बल्लेबाज जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टो और जोए रूट जबरदस्त फॉर्म में हैं। रूट इस विश्व कप में अभी तक 549 रन बना चुके हैं। इसके अलावा उसके गेंदबाजों ने जोफरा आर्चर, मार्क वुड और क्रिस वोक्स की अगुवाई में धारदार गेंदबाजी से पूरे टूर्नामेंट में विरोधी बल्लेबाजों पर लगातार दबाव बनाए रखा है। मेजबान होने के नाते इंग्लैंड को घरेलू परिस्थितियों का लाभ मिलने की उम्मीद है।
न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार पहुंचा है विश्व कप फाइनल में
न्यूजीलैंड की टीम ने 2015 के विश्व कप में भी फाइनल तक का सफर किया था। इस बार वह लगातार दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंची है। पिछली बार उसे फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हारकर निराश होना पड़ा था, लेकिन इस बार किवी टीम जीत में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। न्यूजीलैंड की सबसे बड़ी समस्या उसकी सलामी जोड़ी बनी हुई है। इनके लगातार विफल होने के कारण कप्तान केन विलियमसन और रॉस टेलर को हर बार अतिरिक्त जिम्मेदारी उठानी पड़ रही है और इसका नतीजा यह हो रहा है कि किवी टीम बड़ा स्कोर नहीं बना पा रही है। हालांकि किवी टीम के गेंदबाजों ने अभी तक छोटे स्कोर का भी सफलतापूर्वक बचाव किया है। न्यूजीलैंड के दो सबसे सफल बल्लेबाज विलियमसन और रॉस टेलर हैं। विलियमसन नौ मैचों में अब तक 548 रन बना चुके हैं तो टेलर के खाते में इतने ही मैचों में 335 रन हैं। पिछले विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले मार्टिन गुप्टिल ने इस बार बुरी तरह निराश किया है। वह फाइनल में यादगार पारी खेलकर इसकी भरपाई करना चाहेंगे। गेंदबाजी में लॉकी फर्ग्यूसन (18 विकेट) और मैट हेनरी (13 विकेट) और ट्रेंट बोल्ट (17 विकेट) ने अपने धारदार गेंदबाजी से लगातार विपक्षियों को ध्वस्त कर मैच का रुख अपनी टीम की तरफ पलटा है।
हालिया फॉर्म की बात करें तो इंग्लैंड का पलड़ा थोड़ा भारी नजर आता है। लेकिन आंकड़े न्यूजीलैंड के पक्ष में है और बड़े मुकाबले में उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। दोनों टीमें एक-दूसरे को कड़ी टक्कर देंगी। ओवरऑल मुकाबले की बात करें तो इंग्लैंड पर न्यूजीलैंड को हल्की-सी बढ़त हासिल है। इन दोनों के बीच अब तक कुल 90 मैच खेले गए हैं। इनमें से 43 में न्यूजीलैंड को जीत मिली है तो वहीं 41 मुकाबलों में इंग्लैंड को जीत मिली है। इनके अलावा दो मैच टाई हुए हैं तो चार मैच बेनतीजा रहे हैं।
विश्व कप की बात करें तो आंकड़ों में यहां भी न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी है। इन दोनों के बीच कुल आठ मैच खेले गए हैं। इनमें से पांच में न्यूजीलैंड को कामयाबी मिली है तो वहीं इंग्लैंड को तीन मैच में जीत हासिल हुई है।
दोनों टीमें (संभावित) :
इंग्लैंड : इयोन मोर्गन (कप्तान), जॉनी बेयरस्टो (विकेटकीपर), जेसन रॉय, जोए रूट, जोस बटलर, बेन स्टोक्स, मोइन अली, टॉम कुरैन, लियाम डॉसन, लियाम प्लंकट, आदिल राशिद, जेम्स विंस, क्रिस वोक्स, मार्क वुड और जोफरा आर्चर।
न्यूजीलैंड : केन विलियम्सन (कप्तान), मार्टिन गुप्टिल, कोलिन मुनरो, हेनरी निकोलस, रॉस टेलर, टॉम ब्लंडल, ट्रेंट बोल्ट, कोलिन डी ग्रांडहोम, लॉकी फर्ग्यूसन, टॉम लाथम, जिमी नीशाम, मिशेल सेंटनर, ईश सोढ़ी और टिम साउदी।