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बिहार पुलिस का कारनामा, मुर्दे को हथकड़ी पहनाकर ले गई अस्पताल, जानिए फिर क्या हुआ

बिहार से पुलिस की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल हाजीपुर पुलिस ने एक मुर्दे को हथकड़ियां पहना दी। इतना ही नहीं पुलिस मुर्दे को बीमार बताकर इलाज के लिए अस्पताल भी ले गई। बाद में डॉक्टरों ने पुलिस के झूठ की कलई खोल दी।  

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Dheeraj Sharma

Feb 21, 2022

Bihar Police Took Dead Prisoner In Handcuffed to the Hospital

Bihar Police Took Dead Prisoner In Handcuffed to the Hospital

बिहार से बड़ा मामला सामने आया है। दरअसल लोगों की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार पुलिस की एक बड़ी लापरवाही ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला हाजीपुर का है। जहां पुलिस ने मुर्दे को ही हथड़कियां पहना डालीं। हाजीपुर पुलिस की इस लापरवाही के चलते सरकार को भी शर्मिंदा होना पड़ रहा है। अपनी गर्दन बचाने के लिए बिहार पुलिस ने एक मरे हुए कैदी को हथकड़ी में जकड़कर अस्पताल पहुंचा दिया। जेल में हुई कैदी की मौत के मामले पर पर्दा डालने के लिए जेल अधिकारियों ने शव को हथकड़ियों में जकड़कर अस्पताल भेज दिया। इतना नहीं पुलिस अधिकारी हॉस्पिटल में ही मुर्दे को बीमार बताने का नाटक भी करते रहे।


ये है मामला
दरअसल लालगंज के राजकिशोर नाम का बुजुर्ग 4 दिन पहले जेल पहुंचा था। कैदी बीमार था और उसने पुलिस अधिकारियों से इलाज की बात कही। लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी।

बताया जा रहा है कि जेल में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद हाजीपुर जेल के जवान हरकत में आए। बीते दिन दोपहर करीब 3 बजे मृत कैदी को लेकर वे अस्पताल पहुंचे।

जेल प्रशासन ने जिले के आला अफसरों को भी खबर कर दी कि कैदी बीमार है और उसे इलाज के लिए वो जिले के सरकारी अस्पताल ले जा रहे हैं।

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परिजनों से भी बोला झूठ

पुलिस ने कैदी की मौत की खबर परिजनों से भी छिपाई। बाद में परिजनों को एक खत लिखकर राजकिशोर के बीमार होने की बात बताई गई।

जेल प्रशासन ने परिजनों से कहा कि बीमार कैदी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजन अस्पताल पहुंचे तो उन्हें राजकिशोर का शव मिला। जेल के अफसरों ने उनसे भी कहा कि बुजुर्ग बीमार था और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हुई है।


अस्पताल ने खोली पुलिस के झूठ की कलई

पुलिस जवानों की लापरवाही की कलई अस्पताल ने खोलकर रख दी। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही कैदी मर चुका था। उन्होंने उसका कोई इलाज नहीं किया। उनका कहना था कि राजकिशोर को लाने वाले जवान कह रहे थे कि वो ज्यादा बीमार है।

यही नहीं जवानों ने उसे हथकड़ी पहना रखी थी और कहा थी कि इसका तुरंत इलाज कर दें। लेकिन जब उसकी जांच की गई तो वो ब्रॉट डेड था। डॉक्टरों का कहना है कि जेल प्रशासन लीपापोती कर रहा था। कैदी की जेल में ही मौत हो गई थी लेकिन उसे हथकड़ी लगाकर इस तरह से अस्पताल में लाया गया मानो कहीं वो भाग न जाए।


प्रशासन ने जांच के दिए आदेश
मामले के तूल पकड़ने के बाद हाजीपुर प्रशासन भी हरकत में आया। प्रशासन ने अब इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। जेल प्रशासन से जवाब तलब किया गया है कि उन्होंने मृत कैदी को हथकड़ी क्यों लगाई।

एक अधिकारी के मुताबिक जो भी सच है उसका पता लगाकर दोषियों को सजा दी जाएगी। मानवाधिकार संगठनों ने भी घटना का संज्ञान लेकर जिला प्रशासन से सवाल जवाब शुरू कर दिए हैं।

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