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बच्चों की उम्र 16 साल से भी कम
पुलिस ने बताया कि इन फैक्ट्रियों में बच्चों से मजदूरी कराई जाती थी। वहीं, पुलिस ने दावा किया कि इन बाल मजदूरों की उम्र 16 साल से भी कम है। छापेमारी दिल्ली पुलिस और बचपन बचाओं आंदोलन की टीम ने साथ मिलकर की।
दिल्ली पुलिस और बचपन बचाओ की टीम ने की छापेमारी
बता दें कि सोमवार को सुल्तानपुरी इलाके में दिल्ली पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन की टीम अचानक आ पहुंची। इस दौरान उन्होंने इलाके की फैक्ट्रियों में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस ने फैक्ट्री के कोने-कोने की तलाशी ली। तलाशी में पुलिस को कई मासूम बच्चे मिले जो नाजाने कितने सालों से इन फैक्ट्रियों में काम कर रहे थे।
कई सालों से काम कर रहे थे बच्चे
पुलिस और बचपन बचाओ आंदोलन की टीम ने बताया कि इलाके में कई फैक्ट्रियां हैं, जिनमे जींस बनाने से लेकर बर्नत बनाने का काम होता है। ये बच्चे कई सालों से इन्हीं कामों में लगे थे। वहीं, कई नाबालिग बच्चे दुकान पर काम करते थे। वहीं, कुछ बच्चों को बाइक मैकेनिक की दुकान पर काम करते हुए पाया गया।
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तीन दर्जन से भी ज्यादा बच्चों को कराया गया मुक्त
छापेमारी में पुलिस ने कुल 39 बच्चों को वहां से बाहर निकाला। पुलिस ने दावा किया की छुड़ाए गए बच्चों की उम्र 16 साल से भी कम है। वहीं, जब मीडिया ने उन बच्चों से बात की तब उनती उम्र और काम के बदले में मिलने वाले पैसे का खुलासा हुआ। बच्चों ने बताया कि किस तरह कम पैसों में उनसे काम कराया जाता था।
5 फैक्ट्रियां सील
वहीं, इस संबंध में रोहिणी के एसडीएम शैलेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने सुल्तानपुरी इलाके में चलने वाली 5 फैक्ट्रियों को सील भी किया है। वहीं से निकाले गए सभी मासूम बच्चों को फिलहाल चाइल्ड होम में रखा गया है।