साढ़े चार साल से चल रहा है मामला सुनंदा 17 जनवरी 2014 को राजधानी दिल्ली के एक होटल में मृत पाई गई थीं। करीब साढ़े चार साल से यह मामला अदालत में चल रहा है। इसके बाद उनसे कई बार पूछताछ हो चुकी है। पुलिस ने आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की। इस मामले में थरूर के घरेलू नौकर नारायण सिंह को भी गवाह बनाया गया है। दिल्ली पुलिस ने 01 जनवरी 2015 को आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, हालांकि थरूर को इस मामले में अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
थरूर पर दिल्ली पुलिस ने लगाए हैं ये आरोप – थरूर ने सुनंदा को आत्महत्या करने के लिए उकसाया।
– थरूर ने सुनंदा के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया।
बीजेपी नेता अरूण शौरी ने विपक्ष को बताया लोकसभा चुनाव में मोदी लहर से मुकाबले का फंडा थरूर पर मुकदमा और सजा – पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर पर सुनंदा मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने हेतु धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उन्हें अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है।
– क्रूरतापूर्ण व्यवहार के लिए आईपीसी की धारा 498 ए के तहत मुकदमा दर्ज है। इसके तहत उन्हें अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है।