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सुप्रीम कोर्ट ने रेप व मर्डर के दोषी की मौत की सजा पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दुष्कर्म व हत्या के एक दोषी की मौत की सजा (डेथ वारंट) पर रोक लगा दी 2018 में सूरत में बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या के दोषी 22 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई थी

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सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ( Supreme court ) ने गुरुवार को दुष्कर्म व हत्या के एक दोषी की मौत की सजा ( Death warrant ) पर रोक लगा दी। गुजरात ( Gujarat ) की एक अदालत ने 2018 में सूरत में तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या के दोषी 22 वर्षीय व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई थी। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ( Chief Justice SA Bobde ) की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिसमें न्यायाधीश बी. आर. गवई और सूर्यकांत भी शामिल रहे।

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यह फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि हाईकोर्ट द्वारा मौत की सजा की पुष्टि करने के बाद इसके खिलाफ स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल करने की अवधि से पहले ही डेथ वारंट जारी कर दिया गया था। शीर्ष अदालत ने इस मामले में एक नोटिस भी जारी किया है। शीर्ष अदालत ने राज्य के वकील से कहा कि अमरोहा हत्याकांड में इसी तरह के मुद्दे पर शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद इस तरह का आदेश कैसे पारित किया जा सकता है।

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कानून के अनुसार, 60 दिनों के भीतर मौत की सजा के खिलाफ एक चुनौती दायर की जा सकती है। हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद केवल 33 दिनों में ही मौत का वारंट जारी किया गया था। गुजरात हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर 2019 को आरोपी की सजा को बरकरार रखा।