
CG News: जांजगीर-चांपा जिले में फर्जी मार्कशीट से नौकरी करने वालों की भरमार है। लेकिन शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले बुलंद है। कई मामलों की शिकायत होने के बाद अफसर ही फाइल दबा दे रहे हैं। वहीं कई मामले में लेन-देन कर मामले को दबा दी जा रही है। लेकिन सोमवार को एक जनक राम की कहानी उजागर हुई और उसे डीईओ ने बर्खास्त कर दिया है।
जब से शिक्षाकर्मी की भर्ती हुई है तब से ऐसे फर्जी शिक्षकों की बाढ़ आ गई थी। सूत्रों की माने तो कम से कम 25 फीसदी शिक्षाकर्मी फर्जी मार्कशीट से नौकरी कर रहे हैं। कोई निजी स्कूलों से फर्जी अनुभव प्रमाणत्र का अनुभव सर्टीफिकेट बनवाकर नौकरी कर रहे हैं। सोमवार को हुए खुलासे में जिले के जनकराम पर आरोप था कि वह रमाशंकर पिता धनराज सिंह के अंकसूची में कूटरचना कर अपने नाम अंकित कर लिया और नौकरी कर रहा था। मामले की शिकायत पर जनपद पंचायत सीईओ नवागढ़ को जांच अधिकारी बनाया गया। जांच अधिकारी ने अपने जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की।
प्रतिवेदन के अनुसार जनक राम ने कक्षा बारहवीं 2003 के मार्कशीट में रोल नंबर 22500164 था वह रमाशंकर पिता धनराज सिंह के नाम था। जिसके आधार पर शिक्षाकर्मी वर्ग तीन के पद में नियुक्ति हुई। नियुक्ति उपरांत विकासखंड शिक्षा अधिकारी नवागढ़ को अंकसूची जमा कराई। वहीं अधिकारियों ने सहायक शिक्षक जनकराम को अपना पक्ष रखने के लिए कहा। लेकिन उसका पक्ष संतोषप्रद नहीं पाया गया। इसके चलते डीईओ ने उक्त शिक्षक जनक राम को सोमवार को बर्खास्त कर दिया है। इस आशय की जानकारी पत्रिका को दी है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी के पत्र से जानकारी मिली कि शासकीय प्राथमिक शाला अमोरा में पदस्थ प्रधानपाठक लोकपाल बर्मन शराब की नशे में स्कूल पहुंचा था। स्कूल में वह शिक्षक व छात्रों से अभद्र व्यवहार करता था। स्कूल के पूरे स्टॉफ व अन्य कर्मचारी उसकी हरकत से परेशान थे। आखिरकार प्रधानपाठक लोकपाल बर्मन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। नोटिस में उसकी सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। आखिरकार डीईओ ने सिविल सेवा आचरण के तहत उसे निलंबित किया गया।
बहनीडीह ब्लाक के शासकीय मिडिल स्कूल मुक्ताराजा के प्रधान पाठक रामायण प्रसाद कर्ष २९ जुलाई २०२५ को संस्था में मादक पदार्थ सेवन कर पहुंचा था। इस बात की खबर नगरपंचायत बाराद्वार के अध्यक्ष व सीएमओ को सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद उक्त शिक्षक को कारण बताओ सूचना जारी की गई। जिसमें शिक्षक ने संतोषप्रद जवाब नहीं दिया। शिक्षक ने अपनी गल्ती स्वीकार की। इसके बद प्रधान पाठक रामायण प्रसाद कर्ष को निलंबित किया गया।
Updated on:
19 Aug 2025 10:28 am
Published on:
19 Aug 2025 10:27 am
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